Last Updated: Monday, November 7, 2011, 15:02
नई दिल्ली : पेट्रोल की दरों में बढ़ोत्तरी को अनुचित और आपत्तिजनक अवधारणाओं पर आधारित बताते हुए भाजपा ने मंगलवार को जाहिर तौर पर आगाह करते हुए कहा कि अगर बढ़ी हुई कीमतों को वापस नहीं लिया गया तो विपक्ष संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में कार्यवाही बाधित कर सकता है। भाजपा ने संप्रग के सहयोगी दलों को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वे इस बढ़ोत्तरी के फैसले का हिस्सा हैं।
मुख्य विपक्षी दल की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस मुद्दे पर मुलाकात का समय मांगा है। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अगर सरकार आगामी सत्र को निर्बाध तरीके से चलाना चाहती है तो उसे पेट्रोल के बढ़े हुए दामों को तुरंत कम करवाना होगा। हम और इस देश की जनता यह मांग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इस बढ़ोतरी का कोई औचित्य नहीं है।
पार्टी ने कहा कि जिस दिन पेट्रोल की दरों में 1.80 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की घोषणा हुई, उस दिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी आई। जावड़केर ने दावा किया कि दिल्ली में 34 और मुंबई में 36 रुपये लीटर की दर से पेट्रोल बेचा जा सकता है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 7, 2011, 20:32