Last Updated: Saturday, February 25, 2012, 05:13
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी नई दिल्ली: कुडनकुलम परमाणु प्लांट पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर रूस ने उनका समर्थन किया है। रूस ने उनकी बातों को सही ठहराया है।
भारत में रूस के राजदूत एलेक्जेंडर कदाकिन ने कहा कि रूस को पहले से ही इस तरह का अंदेशा था। अमेरिका की ओर इशारा करते हुए कदाकिन ने ये भी साफ किया कि भारत के मित्र देश इसमें अप्रत्यक्ष तौर पर रोड़ा अटका रहे हैं, वरना क्या वजह है कि कुडनकुलम प्लांट में काम के 6 महीने बाद अचानक विरोध शुरू हुआ।
इस बीच पीएम के बयान के बाद बाद सरकारी अमले में हलचल शुरू हो गई है। केंद्र सरकार ने 3 एनजीओ के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने साफ कर दिया कि ये कंपनियां विदशों से आए पैसों का इस्तेमाल परमाणु प्लांट के विरोध के लिए कर रही थीं।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कुडनकुलम में जारी गतिरोध के लिए कुछ अमेरिकी गैर सरकारी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में इनके कारण कठिनाई आई है।
पीएम के मुताबिक विरोध में शामिल अधिकतर एनजीओ को अमेरिका और स्कैंडिनेवियाई देशों से आर्थिक मदद मिल रही है। उन्होंने कहा, वे हमारे देश के सामने आने वाली विकास संबंधी चुनौतियों को नहीं मानते हैं। पीएम ने एक साइंस पत्रिका को इंटरव्यू के दौरान यह बातें कही है।
कुडनकुलम में विरोध प्रदर्शनों के चलते 1,000 मेगावॉट के दो परमाणु रिएक्टरों का काम रुका पड़ा है। कुडनकुलम न्यूक्लियर प्लांट भारत के लिए बहुत अहमियत रखता है। रूस के साथ करार के तहत बन रहे ये रिएकटर्स भारत की बिजली जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित हो सकता है।
First Published: Saturday, February 25, 2012, 23:01