कुपोषण राष्‍ट्रीय शर्म का विषय : मनमोहन - Zee News हिंदी

कुपोषण राष्‍ट्रीय शर्म का विषय : मनमोहन




 

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को कहा कि बेहतर आर्थिक विकास के बावजूद देश में कुपोषण काफी ऊंचे स्तर पर है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि कुपोषण राष्ट्रीय शर्म का विषय है। प्रधानमंत्री ने यहां कुपोषण पर एक रिपोर्ट 'हंगामा' जारी की।

 

उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण का परिणाम निराशाजनक और उत्साहवर्धक दोनों ही है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा है और इसे फिर दोहराना चाहूंगा। बेहतर विकास दर्ज करने के बाद भी देश में कुपोषण का स्तर अस्वीकार्य रूप से उच्च स्तर पर है। हम इस दर को तेजी से घटाने में भी कामयाब नहीं हुए।

 

उन्होंने इस अवसर पर जुटे लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस सर्वेक्षण का परिणाम निराशाजनक और उत्साहवर्धक दोनों ही है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा है और इसे फिर दोहराना चाहूंगा। बेहतर विकास दर्ज करने के बाद भी देश में कुपोषण का स्तर अस्वीकार्य रूप से उच्च स्तर पर है। हम इस दर को तेजी से घटाने में भी कामयाब नहीं हुए। सिंह ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था और समाज का स्वास्थ्य उसके बच्चों में निहित होता है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि सर्वेक्षण में कुपोषण का स्तर काफी ऊंचा बताया गया है, लेकिन इसमें यह भी कहा गया है कि 100 फोकस जिलों में पिछले सात साल में पांच में से एक बच्चा स्वीकार्य स्तर का वजन हासिल कर चुका है। लेकिन मुझे चिंता इस बात की है कि 42 फीसदी बच्चों का वजन अभी भी कम है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस सर्वेक्षण के लिए सिटिजंस एलायंस अगेंस्ट मलन्यूट्रीशन, नंदी फाउंडेशन, महिंद्रा एंड महिंद्रा और अन्‍य साझेदारों तथा सहयोगियों की सराहना की।

 

उन्होंने कहा कि सर्वेक्षक नौ राज्यों के 112 जिलों के 73 हजार से अधिक घरों में गए। एक लाख से अधिक बच्चों और 74 हजार माताओं से पूछताछ कर ब्यौरा लेना असामान्य कार्य है। उन्होंने कहा कि देश में छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों की संख्या लगभग 16 करोड़ है और वे भविष्य में वैज्ञानिक, किसान, शिक्षक और कामगार जैसे पैशे में जा सकते हैं।

(एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 11, 2012, 11:20

comments powered by Disqus