कुशवाहा पर घमासान, दबाव में भाजपा - Zee News हिंदी

कुशवाहा पर घमासान, दबाव में भाजपा

ज़ी न्यूज ब्यूरो


 

नई दिल्ली : एनआरएचएम घोटाले में आरोपी उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के ठिकानों पर सीबीआई छापों पर भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला संप्रग और उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार में मिलीभगत है और वे राजनीतिक इरादों को पूरा करने के लिए केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का दुरूपयोग कर रहे हैं।कुशवाहा दो दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं। इसको लेकर पार्टी की छवि को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

 

भाजपा ने अब बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट नहीं देने का फैसला किया है और पार्टी उनसे प्रचार भी नहीं करवाएगी। यह जानकारी पार्टी सूत्रों ने बुधवार को यहां दी।

 

उधर, उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार से हटाए गए दागी मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को भाजपा में शामिल किए जाने को लेकर विरोधी दलों और पार्टी के भीतर भी आलोचनाओं को देखते हुए पार्टी ने उन्हें प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में न तो टिकट देने और न ही स्टार प्रचारक बनाने का संकेत दिया है।

 

भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया, उन्होंने कहा कि किसी भी अपराध के आरोपियों को दंडित किया जाना चाहिए लेकिन ताज कारिडोर, आदर्श हाउसिंग और 2-जी के अलावा अन्य घोटालों का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि या तो इन मुद्दों का सीबीआई ने समाधान कर लिया है या फिर उन्हें फिलहाल रोकने का निर्णय किया है। नकवी ने सरकार से जानना चाहा कि अचानक सीबीआई कुशवाहा के मामले में इतनी सक्रिय कैसे हो गई। हालांकि नकवी ने पार्टी का बचाव करते हुए यह भी कहा कि भाजपा घोटालेबाजों का कवच नहीं है।

 

संवाददाता सम्मेलन में नकवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बसपा और कांग्रेस का खतरनाक गठजोड़ बन गया है। दोनों दलों के बीच महाडील हुई है और दिग्विजय सिंह, राहुल गांधी तथा मायावती इस डील के औजार हैं। नकवी ने कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर प्रदेश से घोटाले के तमाम कागजात गायब हो रहे हैं। प्रदेश में गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा हो रहे हैं।

 

उधर, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के बारे में बताया जा रहा है कि वह कुशवाहा को पार्टी में शामिल किए जाने से नाराज हैं। सुषमा स्वराज और अरुण जेटली भी पार्टी के इस कदम से खुश नहीं हैं। इस संबंध में बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी के घर एक बैठक चल रही है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी की ओर से कुशवाहा पर फैसला आज शाम तक हो सकता है।

 

गौरतलब है कि कुशवाहा को पार्टी में शामिल किए जाने पर पार्टी के बड़े नेताओं का कहना है कि इससे पार्टी की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कमजोर पड़ेगी। सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष गडकरी की सहमति से ही कुशवाहा को पार्टी में शामिल किया गया है। भाजपा उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मायावती को चुनाव में घेरना चाह रही है।

 

कुशवाहा को टिकट देने या स्टार प्रचारक बनाने के सवाल पर पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां कहा कि चुनाव से पहले हम कई लोगों को पार्टी में शामिल करते हैं। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि उन्हें चुनाव टिकट भी दिया जाए। इस मामले में पार्टी उन्हें टिकट देने पर विचार नहीं कर रही है।

 

बताया जाता है कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध जन चेतना यात्रा करने वाले वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भ्रष्टाचार के आरोप में मायावती मंत्रिपरिषद से बख्रास्त ओबीसी नेता कुशवाहा को पार्टी में लेने और उन्हें टिकट दिए जाने की खबरों से नाखुश हैं। इस बारे में आडवाणी की नाखुशी के बारे में पूछे जाने पर नकवी ने हालांकि कहा, यह फैसला संयुक्त रूप से किया गया है और पार्टी इस मामले में एकजुट है।

 

सूत्रों ने बताया कि पार्टी के कुछ नेता कुशवाहा को भाजपा में शामिल करने से उलझन में हैं। उनका कहना है कि इसके बावजूद कुशवाहा को पार्टी में शामिल किए जाने की विरोधी दलों की आलोचनाओं पर भाजपा ने आक्रमक रुख इसलिए अपनाया है कि कहीं 2004 के लोकसभा चुनाव जैसी स्थिति नही बन जाए जब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नेता डीपी यादव को भाजपा में लिया गया था।उस समय चुनाव से ऐन पहले यादव को भाजपा में शामिल किया गया था, लेकिन आलोचनाओं से घिर जाने पर पार्टी को कुछ ही दिन के भीतर उन्हें निकालना पड़ा।

First Published: Thursday, January 5, 2012, 11:34

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