Last Updated: Monday, August 5, 2013, 18:17
नई दिल्ली : सरकार ने सोमवार को माना कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या 16542 है लेकिन इनमें से 6162 पद रिक्त पड़े हैं।
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ शशि थरूर ने राज्यसभा को बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत 16,542 पदों में से 10,380 पद भरे हुए हैं। इनमें से 796 पद अनुसूचित जाति, 359 पद अनुसूचित जनजाति और 591 पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए हैं।
थरूर ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुल 6162 पद रिक्त पड़े हैं। उन्होंने डॉ ज्ञान प्रकाश पिलानिया के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय तथा जामिया मिलिया इस्लामिया के अतिरिक्त सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय सभी स्तरों पर अनुसूचित जाति को 15 फीसदी तथा अनुसूचित जनजाति को 7.5 फीसदी और सहायक प्रोफेसर के स्तर पर अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण प्रदान करने की सरकार की आरक्षण नीति का पालन कर रहे हैं।
बहरहाल, थरूर ने इस बात से इंकार किया कि अधिकतर छात्रों ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) का विकल्प नहीं चुना है जिससे देश के अनेक आईआईटी में सामान्य वर्ग सहित बड़ी संख्या में सीटें रिक्त रह गई हैं।
एन बालगंगा के प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि 16 आईआईटी और धनबाद स्थित भारतीय खनन विद्यालय (आईएसएम) में अवर स्नातक कार्यक्रम के लिए पाठ्यक्रम आवंटन के तीन दौर हुए थे। पहले दौर में 9716 सीटें आवंटित की गई थीं लेकिन 760 छात्रों ने प्रवेश नहीं लिया। तब ये सीटें दूसरे और तीसरे दौर में आवंटित की गईं। छात्रों द्वारा इन सीटों को स्वीकार न करने का कारण यह है कि ये सीटें उन पाठ्यक्रमों में हैं जो छात्रों में अधिक लोकप्रिय नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 5, 2013, 18:17