Last Updated: Tuesday, June 18, 2013, 21:36

नई दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और योजना आयोग के बीच मंगलवार को सालाना योजना बैठक के दौरान गतिरोध की स्थिति रही जब मोदी ने केंद्र सरकार पर संघीय ढांचे को दरकिनार करते हुए ‘बिग ब्रदर’ का रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
दो घंटे लंबी बैठक में आयोग ने मोदी के इन दावों को खारिज करने का प्रयास किया कि गुजरात में सबकुछ हरा-भरा है। मुख्यमंत्री से कहा गया कि विकास के अनेक पैमानों पर राज्य काफी पीछे है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के साथ बैठक में मोदी ने केंद्र के खिलाफ कुछ मुद्दे उठाते हुए शिकायतें दर्ज कराईं। बैठक में गुजरात के लिए 59,000 करोड़ रपये की योजना को मंजूरी प्रदान की गयी।
मोदी ने इस संदर्भ में गैस के दाम, सरदार सरोवर परियोजना की उंचाई बढ़ाने और बांध पर द्वार लगाने का हवाला दिया। मुख्यमंत्री ने सामान्य प्रक्रिया से हटकर अपने दावों के समर्थन में सात मिनट का एक वीडियो प्रस्तुत किया जिसमें बताया गया कि देश में संघीय ढांचे के बावजूद गुजरात को अपना हिस्सा नहीं दिया जा रहा है। मोदी ने अपने प्रस्तुतिकरण में आरोप लगाया कि केंद्र ने राज्यों के प्रति ‘बिग ब्रदर’ का रवैया अपना रखा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र ऐसी योजनाएं बनाता है जो राज्यों की वित्तीय जवाबदेही बढ़ा देती हैं। उन्होंने इसके लिए शिक्षा का अधिकार कानून का जिक्र किया और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन जैसे कार्यक्रमों में बदलाव का हवाला दिया।
मोदी ने इच्छा जताई कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के क्रियान्वयन में लचीलापन अपनाया जाए और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाला योजना आयोग राज्य तथा केंद्र के बीच मध्यस्थ के तौर पर काम करे। उन्होंने कहा कि गुजरात के केंद्रीय बिक्री कर के मुआवजों के 4500 करोड़ रपये के दावे केंद्र के पास लंबित पड़े हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 18, 2013, 21:36