'केंद्र ने चरमपंथियों के समक्ष घुटने टेके' - Zee News हिंदी

'केंद्र ने चरमपंथियों के समक्ष घुटने टेके'



नई दिल्‍ली/जालंधर : सलमान रूश्दी प्रकरण पर केंद्र सरकार को आडे हाथों लेते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने कहा है कि प्रख्यात लेखक सलमान रूश्दी को भारत आने की अनुमति नहीं देकर केंद्र सरकार ने चरमपंथियों के समक्ष घुटने टेक दिए हैं।

 

पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी करने यहां आए जेटली ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब केंद्र सरकार ने ऐसे घुटने टेके हैं। इससे पहले भी शाहबानों प्रकरण में ऐसा ही हुआ था। यह शर्मनाक है।

 

उन्होंने कहा कि उन्हें (रूश्दी को) भारत आने की अनुमति मिलनी चाहिए थी। वह कोई पहली बार नहीं आ रहे थे। इससे पहले भी वह आते रहे हैं, जब अटल बिहारी बाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब भी वह आए थे और उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई थी। जेटली ने कहा कि यह सब मनगढंत किस्सा है और कांग्रेस की चली हुई चाल है। राजस्थान पुलिस ने एक फर्जी रिपोर्ट तैयार कर उसमें कह दिया कि रूश्दी के जीवन को खतरा है। अगर उन्हें जान का खतरा था तो सुरक्षा दी जानी चाहिए थी।

 

वीडियो कांफ्रेंसिंग पर सरकार के रोक लगाने के बारे में उन्होंने इसे हास्यास्पद करार देते हुए कहा कि कमाल की सरकार है यह। मैं समझता हूं कि भारत में कोई भी ऐसा कानून नहीं है जिसमें यह व्यवस्था दी गई हो कि दूर संचार के माध्यमों का इस्तेमाल करने के लिए अनुमति लेनी पड़े।

 

जयपुर साहित्योत्सव में विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी का वीडियो संबोधन रद्द होने की पृष्ठभूमि में भाजपा ने आज कहा कि पूरे घटनाक्रम ने कांग्रेस की सांप्रदायिक वोट बैंक की खराब राजनीति को उजागर कर दिया है।
मुख्य विपक्षी दल ने कांग्रेस पर इंटरनेट सेंसरशिप लागू करने की कोशिश का भी आरोप लगाया। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि रुश्दी मामले ने सांप्रदायिक वोट बैंक की राजनीतिक करने वाली कांग्रेस की कलई खोल दी है। चार लेखकों से सामान बांधने और जयपुर छोड़ने के लिए कहने की बात भी बोलने की आजादी पर हमला है।

 

उन्होंने कहा कि वीडियो को रोकने की कोशिश को भी वोट बैंक की राजनीति के नजरिये से देखना चाहिए। जावड़ेकर ने जयपुर साहित्योत्सव के संदर्भ में कहा कि जिस तरीके से कुछ प्रदर्शनकारियों को उत्सव के पंडाल में पहुंचने दिया गया, उससे पता चलता है कि पूरा वाकया सुनियोजित था क्योंकि राज्य सरकार ने दावा किया है कि साहित्योत्सव में भरपूर सुरक्षा है।

 

भाजपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस की इस सांप्रदायिक वोट बैंक की राजनीति की निंदा करती है। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तथाकथित झंडाबरदार इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं।

(एजेंसी)

First Published: Tuesday, January 24, 2012, 20:18

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