Last Updated: Monday, June 4, 2012, 13:49
नोएडा: टीम अन्ना और रामदेव के बीच मतभेद जारी हैं और आरटीआई कार्यकर्ता अरविन्द केजरीवाल ने आज योग गुरु के इस दावे का खंडन किया कि अनशन स्थल पर भाषण के दौरान राजनीतिज्ञों का नाम नहीं लेने या किसी पर व्यक्तिगत हमले नहीं करने का प्रोटोकाल तय किया गया था ।
केजरीवाल कल अचानक मंच से उठकर चले गए थे और रामदेव ने दावा किया था कि बैठक के लिए प्रोटोकाल तय किया गया था और यह फैसला हुआ था कि किसी का नाम नहीं लिया जाएगा क्योंकि इससे काला धन वापस लाने और भ्रष्टाचार के मुद्दों से ध्यान हटेगा ।
हालांकि, केजरीवाल ने आज कहा, ‘‘ऐसा कोई प्रोटोकाल नहीं था कि हम किसी का नाम नहीं ले सकते । जब मैंने भाषण के दौरान नाम लिए, तो मुझे एक चिट मिली जिसमें लिखा था कि मैं किसी का नाम नहीं ले सकता । मुझे नहीं बताया गया था कि नाम नहीं लिए जा सकते ।’’ उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से वह स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे और उन्होंने अन्ना हजारे तथा रामदेव से आयोजन स्थल से जाने की अनुमति मांगी क्योंकि उन्हें दवा लेनी थी ।
‘मैंने उनसे पूछा कि क्या मैं दवा लेने के बाद वहां बैठ सकता हूं , उन्होंने कहा कि नहीं ।’ केजरीवाल ने कहा, ‘रामदेव संत हैं । वह दार्शनिक ढंग से सोचते हैं कि हमें नाम नहीं लेने चाहिए और हमें केवल मुद्दों के बारे में बात करनी चाहिए। वह भी सही हैं और मैं भी सही हूं ।’
उनका दावा ऐसे समय आया जब केजरीवाल के अचानक उठकर चले जाने से नवगठित रामदेव..अन्ना हजारे गठबंधन में दरारें दिखाई दीं । कल रात रामदेव ने बयान जारी कर कहा था, ‘हम गरिमा के साथ आंदोलन चलाना चाहते हैं । हम नाम नहीं लेना चाहते और मुद्दों से ध्यान नहीं हटाना चाहते ।’
दोनों पक्षों ने घटना को यह कहकर कमतर करने की कोशिश की कि मधुमेह संबंधी बीमारी से पीड़ित केजरीवाल स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत के चलते मंच से चले गए थे और दोनों समूहों के बीच कोई मतभेद नहीं हैं । रामदेव और हजारे समूह के बीच एक साल के अंतराल के बाद दो महीने पहले जुड़ाव हुआ था ।
मतभेद संबंधी घटनाक्रम कल उस समय तुरंत शुरू हो गया जब केजरीवाल ने आयोजन स्थल पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों पर भ्रष्टाचार को लेकर हमला बोला तथा मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव, जयललिता और मायावती के नाम लिए ।
हजारे कल केजरीवाल का बचाव करते दिखे और कहा, ‘अरविन्द ने सिर्फ यह कहा था कि जिन लोगों के खिलाफ मामले हैं, वे संसद में बैठे हैं। इसे रोकने के लिए हमें खारिज करने के अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए ।’ (एजेंसी)
First Published: Monday, June 4, 2012, 13:49