Last Updated: Thursday, September 20, 2012, 00:12
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोनई दिल्ली : भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के प्रणेता और समाजसेवी अन्ना हजारे ने आज साफ कर दिया कि वह राजनीतिक पार्टी बनाने वाले अरविंद केजरीवाल के साथ नहीं हैं। कहने का मतलब यह कि अन्ना और केजरीवाल की राहें अब अलग-अलग हो गई हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के अगले स्वरूप को लेकर अन्ना हजारे और उनकी पूर्ववर्ती टीम की आज यहां हुई बैठक विफल हो गई और अन्ना ने टीम के टूटने की औपचारिक घोषणा की। बैठक के बाद संवाददाताओं से अन्ना ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि टीम अलग हो गई है। मैं किसी पार्टी या समूह में शामिल नहीं होऊंगा। मैं उनके प्रचार अभियान में शामिल नहीं होऊंगा। मैंने उन्हें अपना फोटो और नाम के इस्तेमाल से मना कर दिया है। आप खुद से लड़िए।’
गौरतलब है कि अन्ना हजारे और उनकी पूर्ववर्ती टीम ने पिछले साल मौजूदा सरकार पर यह आरोप लगाया था कि वह करोड़ों रुपए खर्च कर उन्हें तोड़ने की कोशिश में लगी है लेकिन आज भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के अगले स्वरूप को लेकर हुई बैठक में अन्ना की अगुवाई वाली ‘टीम अन्ना’ आंदोलन बिखर गई। अन्ना के नेतृत्व में यहां जंतर मंतर पर भ्रष्टाचार के विरुद्ध पहला अनशन 2011 में अप्रैल महीने में हुआ था। केजरीवाल पर हमला करते हुए अन्ना ने कहा कि अगर जनता का भारी समर्थन राजनीतिक दल के गठन के पक्ष में था तो फिर आज की बैठक बुलाई ही क्यों गई? बंद कमरे में यहां नौ घंटे से ज्यादा देर तक चली बैठक के बाद अन्ना ने कहा कि केजरीवाल और उनके रास्ते अलग हो गए हैं। उन्होंने केजरीवाल को नई पार्टी की शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों को लगता है कि पार्टी बनाने से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सकती है लेकिन मैं पहले से कहता रहा हूं कि चुनाव नहीं लड़ूंगा और उन्हें मेरी शुभकामनाएं रहेंगी।’ अन्ना ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन द्वारा कराए गए जनमत सर्वेक्षण को भी खारिज कर दिया और कहा, ‘मुझे फेसबुक, इंटरनेट के माध्यम से कराए गए सर्वेक्षण पर भरोसा नहीं है।’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक पार्टी का गठन करना दोष नहीं है और ना ही चुनाव लड़ने वालों का विरोध है। अगर उन्हें लगता है कि उन्हें संसद में बहुमत हासिल हो जाएगा तो यह अच्छी बात है। हमारे रास्ते अलग हो गए हैं। हम दोनों ने अपना अलग-अलग रास्ता चुना है।’ जब उन्हें इस बात की ओर इशारा किया गया कि केजरीवाल ने पूर्व में घोषणा की थी कि अन्ना के मंजूरी दिए जाने तक वह पार्टी का गठन नहीं करेंगे, उन्होंने कहा कि अगर ऐसी बात है तो पार्टी का गठन नहीं किया जाना चाहिए।
आज हुई बैठक में न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े, शांति भूषण, प्रशांत भूषण, किरण बेदी सहित कुछ पत्रकार और अन्य लोग शामिल हुए जिसमें एक समूह ने आरोप लगाया कि अन्ना का केजरीवाल समूह ने ‘शोषण’ किया। इसके जवाब में अन्य समूह ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने अन्ना की छवि को उभारा। आज के घटनाक्रम पर केजरीवाल ने ट्विट किया, ‘देश बिक रहा है। वह बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है। मैं अपने देश को बचाने के लिए जो भी संभव होगा करूंगा।’ राजनीतिक पार्टी के गठन की विरोधी किरण बेदी ने ट्विट किया, ‘अन्ना ने आखिरकार खुद को राजनीतिक विकल्प से दूर कर लिया। आंदोलन को मजबूत करने का कदम। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन एकजुट हों।’
किरण बेदी ने कहा, ‘मैंने राजनीतिक विकल्प के इच्छुक टीम के सदस्यों से अपील की है कि वे आंदोलन को कुछ और समय दें, लेकिन ऐसा लगता है कि वे अपने विकल्प को लेकर आश्वस्त हैं।’ उन्होंने कहा, ‘आंदोलन और पार्टी राजनीति के मिश्रण को दूर करने के लिए अन्ना द्वारा ये अंतिम घोषणा किया जाना जरूरी था।’
बैठक में शामिल हुए पद्म श्री से सम्मानित आईआईटी कानपुर के पूर्व रजिस्ट्रार गिरिराज किशोर ने कहा कि चर्चा के दौरान रूख यह था कि आंदोलन एकजुट रहे और किसी नतीजे पर पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘बैठक में शामिल हुए एक तबके ने कहा कि आंदोलन में कुछ लोगों ने अन्ना का शोषण किया। लेकिन यह सच नहीं है। अगर अन्ना ने अपना नाम आंदोलन को दिया तो लोगों ने यहां अन्ना को वह बनाया जो वह आज हैं। उन्होंने अन्ना की छवि बनाई।’ बैठक में शरीक होने वाले बॉलीवुड अदाकार अनुपम खेर ने कहा कि कोई विवाद नहीं है बल्कि विचार विमर्श है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत लड़ाई में चुनाव भी लड़ना पड़ सकता है।
अन्ना ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार को मजबूत जनलोकपाल विधेयक पारित करने के लिए मजबूर किया जाएगा क्योंकि सरकार को भी अब गिरने का डर सताने लगा है। उन्होंने कहा, ‘चुनाव में डेढ़ साल बाकी रह गया है। सरकार को गिरने का भय सताने लगा है। मेरा मानना है कि उन्हें चुनाव से पहले लोकपाल विधेयक लाना ही होगा।’ अन्ना ने कहा कि अगर जनलोकपाल विधेयक नहीं आया तो वह प्राण त्याग देंगे।
First Published: Wednesday, September 19, 2012, 19:47