केन्द्र ने राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका खारिज होते ही अफजल को फांसी दी: अश्विनी

केन्द्र ने राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका खारिज होते ही अफजल को फांसी दी: अश्विनी

रांची : केन्द्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने आज इन आरोपों से इनकार किया कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी पर चढ़ाने में केन्द्र की संप्रग सरकार ने देरी की और कहा कि जैसे ही तीन फरवरी को राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज की सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर अमल कर उसे फांसी पर चढ़ा दिया।

दो दिनों की यात्रा पर झारखंड आये अश्विनी ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी चढ़ाने में केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने जानबूझ कर देरी की।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अफजल की दया याचिका तीन फरवरी को खारिज की और केन्द्र ने आवश्यक कार्यवाही पूरी कर उसे एक हफ्ते के भीतर फांसी दे दी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दया याचिकाओं पर अमल करने की समय सीमा तय करने के बारे में वह कुछ नहीं कहना चाहेंगे, क्योंकि यह मामला केन्द्रीय गृह मंत्रालय से जुड़ा है।

अफजल की फांसी पर सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस की ओर से भारत-पाक के बीच चल रहे शांति प्रयासों को झटका लगने की आशंका जाहिर करने और इस कदम को ठीक न बताने पर कुमार ने कहा, ‘‘इस बारे में कोई क्या कहता है इससे कांग्रेस को सरोकार नहीं है। हमने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का अनुपालन किया है।’’ उन्होंने कहा कि देश की अदालतों में न्याय में हो रही देरी को दूर करने के लिए 1800 नये न्यायाधीशों के पद सृजित किये जा रहे हैं और संवेदनशील मामलों तथा महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन किया जा रहा है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, February 9, 2013, 23:41

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