Last Updated: Friday, March 8, 2013, 14:03
नई दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कर्तव्य, शक्ति एवं सेवा शर्त) अधिनियम 1971 के संशोधन का प्रस्ताव किया गया है, जिसके तहत नियंत्रण महालेखा परीक्षक द्वारा सार्वजनिक निजी साझेदारी वाली परियोजनाओं का लेखा परीक्षण करने की बात कही गई है। लोकसभा में गणेशराव दूधगांवकर एवं भावना गवली पाटिल के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि भारत के संविधान तथा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक अधिनियम 1971 के उपबंधों में सार्वजनिक निजी भागीदारी परियोजनाओं का लेखापरीक्षण करने का कोई विशेष उल्लेख नहीं है।
हालांकि मौजूदा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कर्तव्य, शक्ति एवं सेवा शर्त) अधिनियम को सरकारी विभाग, सर्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एवं सार्वजनिक निजी सहयोग के तहत स्वायत्त निकाय के आंकड़ों, रिकाडरे एवं दस्तावेजों के लेखा परीक्षण की शक्तियां प्राप्त है। चिदंबरम ने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कर्तव्य, शक्ति एवं सेवा शर्त) अधिनियम 1971 के संशोधन का प्रस्ताव नियंत्रण महालेखा परीक्षक द्वारा सार्वजनिक निजी साझेदारी को शामिल करने हेतु भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने आधारभूत संरचना परियोजनाओं में सरकारी एवं निजी भागीदारी वाली परियोजनाओं की लेखा परीक्षा के लिए लोक लेखा परीक्षा संबंधी दिशानिर्देश जारी किया है। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 8, 2013, 14:03