Last Updated: Friday, November 23, 2012, 14:41

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : पीएसी अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने शुक्रवार को कहा कि टूजी स्पेक्ट्रम रिपोर्ट पर आरपी सिंह के आरोप कैग और पीएसी को बदनाम करने का प्रयास है और इसमें सरकार सहित अन्य के स्वार्थ निहित हैं। जोशी ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है।
जोशी ने कहा कि दूरसंचार मंत्रालय की आडिट के बाद पीएसी की रिपोर्ट तैयार की गई थी, जो कार्य मेरे अधीन था। इसमें सभी पहलुओं को शामिल किया गया था लेकिन मेरी रिपोर्ट में नुकसान के आंकड़े नहीं थे। उन्होंने कहा कि पीएसी के समक्ष भी उन्होंने इस विषय पर कुछ नहीं कहा लेकिन अब वे यह सब क्यों कह रहे हैं, यह आश्चर्य का विषय है।
जोशी ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने ऐसे सवाल उठाये थे लेकिन जब उनसे संयुक्त संसदीय समिति में पूछा गया तब उन्होंने ऐसा कोई भी साक्षात्कार देने की बात से इंकार किया। उन्होंने कहा कि यह कैग और पीएसी को बदनाम करने की साजिश है और इसमें सरकार सहित अन्य के स्वार्थ निहित हैं।
जोशी ने आशंका व्यक्त की कि यह कैग जैसी संस्था पर लगाम लगाने का प्रयास है। गौरतलब है कि कैग के पूर्व आडिटर आर पी सिंह ने टू जी स्पेक्ट्रम के आवंटन से सरकारी खजाने को 1.76 लाख करोड़ रूपये के अनुमानित नुकसान होने के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के आकलन से असहमति जताई थी और लोक लेखा समिति के अध्यक्ष जोशी की भूमिका पर कल सवाल भी उठाया था। सिंह ने आडिट दिशानिर्देशों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया।
सीएजी में महानिदेशक रह चुके आरपी सिंह के खुलासे से हंगामा मच गया है। 2जी स्पेक्ट्रम पर सीएजी की रिपोर्ट पर मचे बवाल के बीच सोनिया गांधी ने भी कहा कि इस खुलासे से बीजेपी बेनकाब हो गई है। सिंह ने कहा है कि असहमति के बावजूद हस्ताक्षर किए गए हैं। मैं सीएजी की रिपोर्ट से सहमत नहीं था। सही मापदंडों पर इसकी ऑडिटिंग नहीं की गई है। उन्होंने कहा है कि जोशी से सीएजी अधिकारियों ने मुलाकात की थी। हालांकि, जोशी ने इस खारिज करते हुए सीएजी को बदनाम करने की कोशिश करार दिया है।
गौर हो कि कैग के पूर्व डीजी ऑडिट आरपी सिंह ने अपने खुलासे में सीएजी विनोद राय और पीएसी चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी पर उंगली उठाई है। सिंह का आरोप है कि टूजी स्पेक्ट्रम में घोटाले में घाटा बहुत ज्यादा दिखाया गया था। उनके मुताबिक ऑडिट रिपोर्ट में अनुमानित घाटा 2 हजार 6 सौ 45 करोड़ का था, जिसे 1 लाख 76 हजार करोड़ दिखाया गया था। आर पी सिंह का तो यहां तक कहना है कि उन पर दबाव डालकर कैग रिपोर्ट पर दस्तखत करवाया गया।
आऱपी सिंह ने मुरली मनोहर पर भी आरोप लगाया कि सीएजी के कुछ अधिकारी 2011 में गुडफ्राइडे पर जोशी के घऱ गए थे ताकि टूजी स्पेक्ट्रम मामले में पैनल की रिपोर्ट तैयार करने में जोशी को सहयोग कर सके। कैग की रिपोर्ट को जब लोक लेखा समिति यानी पीएसी के सामने रखा गया था तो कांग्रेस के सभी सदस्यों समेत तकरीबन आधे सदस्यों ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। जिसके बाद भी जोशी ने रिपोर्ट का विरोध कर रहे 21 सदस्यों के दस्तखत के बगैर उसे लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को सौंप दिया था।
सिंह के इस खुलासे के बाद सीएजी विनोद राय पर उंगली उठी है। इस आरोप से 2जी घोटाले को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने की बात सामने आ रही है। सिंह के खुलासे के बाद मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ सियासी हमले शुरू हो गए हैं।
First Published: Friday, November 23, 2012, 14:08