Last Updated: Friday, April 27, 2012, 12:18
नई दिल्ली : संप्रग सरकार के महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) में उत्तर प्रदेश समेत कुछ राज्यों में अनियमितताओं की घटनाओं के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में इस कार्यक्रम पर सरकार सख्ती से नजर रखेगी और कैग से इसका ऑडिट कराया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा के जवाब में आजाद ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि एनआरएचएम में खासतौर पर उत्तर प्रदेश में कथित तौर पर सामने आए करोड़ों रुपए के घोटाले के मद्देनजर कैग से इसका ऑडिट करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा, ‘घोटालों के मद्देनजर केंद्र सरकार अब इस मिशन को लेकर कमर कस रही है और सख्ती बरती जाएगी। राज्यों से एक-एक पैसे का हिसाब लिया जाएगा।’
मंत्री ने कहा कि सरकार ने कैग से एनआरएचएम के ऑडिट का भी आग्रह किया है जिसे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने स्वीकार कर लिया है और संभवत: पिछली अवधि में योजना का भी ऑडिट किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पहले इस योजना को 11वीं पंचवर्षीय योजना के लिए ही लागू किया गया था लेकिन कल कैबिनेट ने इसे अगले पांच साल के लिए और मंजूरी दे दी है।
नवजात मृत्युदर और 21वीं शताब्दी में कुपोषण से बच्चों की मौत के मामले में देश के रिकार्ड को खराब मानते हुए आजाद ने कहा कि यह देश के लिए शर्म की बात है। आज भी हर साल 6,70,000 बच्चे जन्म के पहले सप्ताह में मर जाते हैं। वहीं जन्म के एक साल के भीतर काल के गाल में समाने वाले बच्चों की संख्या 12,50,000 और पांच साल के भीतर मरने वाले शिशुओं की संख्या 15,80,000 है।
जापानी इंसेफेलाइटिस के मामले में मंत्री ने कहा, ‘हमने महसूस किया है कि राज्य सरकार इससे अकेले नहीं जूझ सकती। इसलिए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप का अनुरोध किया था। उन्होंने इस संबंध में एक मंत्रिसमूह गठित किया जिसने छह-सात बैठकों के बाद अपनी रिपोर्ट दी है। यह रिपोर्ट जल्दी ही कैबिनेट में आ सकती है।’
(एजेंसी)
First Published: Friday, April 27, 2012, 17:48