Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 00:49

नई दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ओर से संप्रग सरकार के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर आज केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया। सरकार ने कैग पर सीधा हमला बोला तो विपक्ष राय के समर्थन में खड़ा नजर आया।
कैग पर निशाना साधते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि संवैधानिक प्राधिकारों को लक्ष्मण रेखा के दायरे में रहना चाहिए। तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ‘यह सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण है कि कैग ने अपनी संख्या (2 जी घोटाले में 1.76 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित घाटे) की शुद्धता को जायज ठहराने के बजाय सरकार की विदेशी जमीन और विदेशी मंच पर आलोचना की। वह कैग विनोद राय द्वारा हारवर्ड के केनेडी स्कूल में कल दिए गए बयान पर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।
तिवारी ने कहा कि सवाल संख्या की शुद्धता के बारे में है। हमारा सवाल नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से है कि कहां 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान है। वह सवाल अब भी बरकरार है। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने (कैग ने) ऐसा (सरकार की आलोचना) किया है।
उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने ऐसा किया है। मेरा मानना है कि संवैधानिक प्राधिकारों को लक्ष्मण रेखा का पालन करना चाहिए। हारवर्ड के केनेडी स्कूल में व्याख्यान देते हुए राय ने कहा था कि कैग साठगांठ वाले पूंजीवाद का पर्दाफाश करने का प्रयास करेगा और सरकार को सलाह दी कि वह उद्यमों का समर्थन करे, न कि उद्यमियों का। राय ने कहा कि हम भ्रष्टाचार का सफाया करने में सक्षम न हों लेकिन हमारा प्रयास साठगांठ वाले पूंजीवाद के दृष्टांतों को उजागर करना है। सरकार को उद्यम को समर्थन देते दिखना चाहिए, न कि उद्यमियों को। राय दूरसंचार और कोयला जैसे विभिन्न घोटालों पर सरकार की आलोचना का शिकार हुए हैं।
इस मामले पर भाजपा के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां आरोप लगाया कि अपने राजनीतिक लाभ और अपने गलत कार्यो को छिपाने, दोनों के लिए संवैधानिक प्राधिकारों का इस्तेमाल करने के मामले में कांग्रेस ‘हिस्ट्री शीटर’ है। वह संवैधानिक प्राधिकारों को निशाना बनाती है और उन्हें अपनी जरूरतों के अनुरूप काम करने को बाध्य करती है। उन्होंने कहा कि चूंकि वर्तमान कैग सरकार की ‘ब्लैकमेलिंग’ में नहीं आए इसलिए उन पर आरोप लगाया गया कि वह भाजपा के कहने पर काम कर रहे हैं।
भाजपा के नेता नकवी ने दावा किया कि सत्तारूढ़ दल सीवीसी, सीबीआई और कैग सभी संवैधानिक इकाइयों का दुरूपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि 2004 में संप्रग के सत्ता में आने पर कांग्रेस ने सबसे पहले राज्यपाल के दफ्तर पर प्रहार किया। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कैग की आलोचना की जा रही है जो राजनीतिक आचरण के गिरते मानक को दिखाता है। जद-यू नेता शरद यादव ने कहा कि यह निंदनीय है। कैग ऐसे अकाउंटेंट है जो राष्ट्रीय धन का रिकार्ड रखता है। अगर कोई कैग पर अंगुली उठाता है तो गलत है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि कैग की भूमिका संविधान में परिभाषित है और उस भूमिका के तहत ही सबकुछ होना चाहिए। सिंह ने कहा कि ‘कैग एक अकाउंटेंट हैं और उन्हें वही रहना चाहिए। क्या वह प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 8, 2013, 22:24