Last Updated: Sunday, November 11, 2012, 17:45

नई दिल्ली : सरकार ने रविवार को कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को बहुसदस्यीय संस्था बनाने की एक पूर्व कैग की सिफारिश पर वह विचार कर रही है।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री नारायणसामी ने कहा,‘ इस पर (कैग में बदलाव को लेकर शुंगलु समिति की सिफारिशों पर) सक्रियता से विचार किया जा रहा है । सरकार इस पर सक्रियता से विचार कर रही है।’
कैग को बहुसदस्यीय संस्था बनाने के पूर्व नियंत्रक और महालेखा परीक्षक वीके शुंगलु के सुझाव के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मंत्री ने ये बातें कहीं।
शुंगलु ने कहा था कि तीन सदस्यीय संस्था होने से कैग के कामकाज में ज्यादा पारदर्शिता आएगी और एक सदस्य को पेशेवर एकाउंटिंग योग्यता होनी चाहिए।
शुंगलू ने सुझाव दिया था,‘तीन सदस्यीय संस्था अपने संचालन में और अधिक पारदर्शिता बरतेगी। एक सदस्य को पेशेवर लेखा-परीक्षण योग्यता वाला, चार्टर्ड अकाउंटेंट या इसके समतुल्य होना चाहिए।’
उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में कहा था, ‘इसे भारतीय लेखा-परीक्षण और लेखा सेवा अधिकारी को तीन सदस्यों की संस्था से हटाने के तौर पर नहीं देखना चाहिए जिनका वित्त, लेखा का तथा इन क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय कार्यप्रणाली का अनुभव रहा हो।’
नारायणसामी ने कहा कि कैग ‘ज्यादा उतावले’ हो रहे हैं और वह चाहते हैं कि सभी संवैधानिक संस्थाएं अपने मानदंडों के भीतर काम करें। मौजूदा कैग विनोद राय की ओर से अनेक मौकों पर की गई टिप्पणियों के संदर्भ में मंत्री ने कहा,‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस देश में संवैधानिक संस्था सरकार के फैसलों पर ही टिप्पणी कर रही है।’
नारायणसामी ने कहा,‘हाल ही में कैग की ओर से ऐसे बयान आ रहे हैं जो अनुचित हैं। मेरी राय है कि यह अनुचित और अनावश्यक हैं। मुझे लगता है आजकल वह (राय) अधिक उतावले हो गए हैं। मैं ऐसा महसूस करता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा कहकर मैं आलोचना नहीं कर रहा। मैं यह बता रहा हूं कि सरकार में सभी को उन्हें दिए मानदंडों के भीतर काम करना चाहिए।’(एजेंसी)
First Published: Sunday, November 11, 2012, 12:46