Last Updated: Sunday, September 30, 2012, 10:59

नई दिल्ली : कैग की आलोचना के लिए विपक्ष के हमलों का सामना कर रही कांग्रेस ने आज कहा कि वह ऑडिटर की जुबान पर ताला लगाने की कोशिश नहीं कर रही लेकिन अपने विचार जाहिर करने से पहले उन्हें अच्छी तरह सोच-विचार करना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘हम यह नहीं कह रहे कि कैग का हर शब्द गलत है और उन्हें अपना मुंह नहीं खोलना चाहिए। हम यह नहीं कह रहे कि वे जो कुछ भी कहते हैं वह गलत ही है। हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि कैग को कुछ भी कहने से पहले पूरा सोच-विचार कर लेना चाहिए। उन्हें सोचना चाहिए, तौलना चाहिए और फिर बोलना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि कैग ने कोल ब्लॉक आवंटन के मुद्दे पर ऑडिटिंग के अलावा अपने विचार भी दिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अब कह दिया है कि सरकार की ओर से उठाया गया कदम गलत नहीं था।
भाजपा ने यह कहते हुए कांग्रेस और सरकार को आड़े हाथ लिया कि ‘गलत फैसलों’ को सही ठहराने और संवैधानिक अधिकारियों को ‘बदनाम करने या उन्हें आगाह करने के लिए’ शीर्ष न्यायालय के फैसले को इस्तेमाल करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए। कैग की वकालत करते हुए भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के उन मंत्रियों पर निशाना साधा जिन्होंने कल यह कहा था कि नीलामी की बाबत सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उनके रुख को सही ठहराया गया है। मंत्रियों ने यह भी कहा था कि अपने कर्तव्य का पालन करते वक्त कैग को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता ने उन रपटों को भी खारिज कर दिया कि इस साल मई महीने में संप्रग सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मेजबानी में जो रात्रि भोज आयोजित किया गया था उस पर 29 लाख रुपए का खर्च आया था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 29, 2012, 21:47