Last Updated: Tuesday, November 8, 2011, 08:39
नई दिल्ली : वर्ष 2008 के कैश फॉर वोट घोटाला मामले में आरोपी राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने दावा किया कि उन्हें इस मामले की पूरी जानकारी है, लेकिन मुकदमा न्यायालय के विचाराधीन होने के चलते वह इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। सिंह ने इस मामले में समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा।
चिकित्सा कारणों के आधार पर अदालत से जमानत मिलने के बाद पहली बार यहां संवाददाता सम्मेलन करते हुए सिंह ने कहा, ‘मुझे इस मामले के बारे में पूरी जानकारी है लेकिन इसके न्यायालय के विचाराधीन होने के चलते मैं इस पर टिप्पणी नहीं करुंगा।’ सपा के पूर्व महासचिव से संवाददाताओं ने पूछा था कि इस मामले में अपने पूर्व सांसदों के बेकसूर होने के भाजपा के दावे पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है। सिंह ने इस पर कहा, ‘क्या आप मुझे फिर जेल भिजवाना चाहते हैं।’
दिल्ली हाईकोर्ट ने 24 अक्टूबर को ही सिंह को उनकी बीमारी की अवस्था को देखते हुए जमानत दे दी थी। इससे पहले वह न्यायिक हिरासत में थे और एम्स में इलाज करा रहे थे। वह गुर्दे और मूत्र वाहिका में संक्रमण की समस्या से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘वह अदालत से मिली जेल और बेल (जमानत), दोनों का सम्मान करते हैं और इस मामले के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।’
सिंह ने कहा, ‘अदालत ने मुझे आठ से 30 नवंबर तक इलाज के लिए सिंगापुर जाने की अनुमति दी है, लेकिन मेरे चिकित्सक के वहां मौजूद नहीं होने के चलते मैं 15 या 16 नवंबर को सिंगापुर जाऊंगा। मैं अपनी यात्रा के कार्यक्रम में बदलाव के बारे में अदालत को सूचित कर दूंगा।’
अमर सिंह ने कहा, ‘मैं किसी पर आरोप लगाना नहीं चाहता लेकिन नोट के बदले वोट मामले में अफवाहें फैलाकर यह कोशिश की जा रही है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान वहां मेरी अनुपस्थिति रहे। यह एक षड्यंत्र का हिस्सा है।’ उन्होंने कहा, ‘इस षड्यंत्र की भी जानकारी मुझे है लेकिन मामले के न्यायालय के विचाराधीन होने के चलते मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।’ सिंह ने सपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस मामले में उनके जेल जाने के बाद मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली पार्टी के एक नेता ने कहा था कि ‘जैसी करनी, वैसी भरनी।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन दिलचस्प रूप से इस मामले में दिल्ली पुलिस ने सपा नेता रेवती रमण सिंह की भूमिका पर भी संझान लिया है। अब सपा को यह बताना चाहिये कि किसकी करनी है और किसनी भरनी है।’
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 8, 2011, 14:09