Last Updated: Friday, February 24, 2012, 11:04
नई दिल्ली : सुनने में यह जरूर अजीब लगता है लेकिन जिस नक्सल निरोधी कमांडो स्क्वायड का नाम खतरनाक सांप ‘नाग’ के हिसाब से ‘कोबरा’ रखा गया था वही स्क्वायड अब घने जंगलों में इस नाग से जूझ रहा है और इसके कई कर्मी सर्पदंश के शिकार हो चुके हैं।
कमांडो बटालियन फॉर रिजोल्यूट ऐक्शन (कोबरा) की 10 वीं बटालियन ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में तैनात हैं जहां उन्हें खुफिया सूचना आधारित माओवादी निरोधी कार्रवाई करने और नियमित सीआपीएफ एवं अन्य राज्य पुलिस इकाइयों को इसी तरह की कार्रवाई में सहायता प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रत्येक कोबरा बटालियन में तकरीबन 1000 कर्मी हैं।
अब इन्हीं बटालियनों को सांपों का खतरा हो गया है। इसके मद्देनजर कोबरा ने अब सांप के जहर का असर दूर करने वाली किट की 76 इकाइयां खरीदने की सोची है। यह किट कई भारतीय कंपनियों ने बनाई है। इसमें एक एक्सट्रैक्टर, विषहर की एक शीशी और अन्य उपचारी शामिल हैं। कोबरा इनमें से कुछ नक्सल प्रभावित राज्यों में कार्रवाई के लिए तैनात सीआरपीएफ इकाइयों को भी देगा।
(एजेंसी)
First Published: Friday, February 24, 2012, 18:34