Last Updated: Friday, January 6, 2012, 07:16
नई दिल्ली: वर्ष 1993 के दूरसंचार घोटाले में दोषी साबित पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के वकील ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल कोमा में हैं । अदालत ने मामले की सुनवाई शनिवार तक के लिए टाल दी । सुखराम को सुप्रीम कोर्ट ने समर्पण करने का आदेश दिया था ।
उनके वकील ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश धर्मेश शर्मा को बताया ‘सुखराम कोमा में चले गए हैं वह अस्पताल से नहीं आ सकते ।’ 86 वर्षीय सुखराम को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि वह निचली अदालत के समक्ष समर्पण कर दें लेकिन वे इन्हीं चिकित्सा कारणों के आधार पर बच गए । उनके वकील ने कहा था कि सुखराम को ‘कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी एंजियोग्राफी’ के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया ।
विशेष न्यायाधीश शर्मा ने सुनवाई शनिवार तक के लिए टाल दी क्योंकि संबंधित विशेष सीबीआई न्यायाधीश संजीव जैन छुट्टी पर थे । न्यायाधीश ने कहा ‘क्योंकि आवेदक यानी दोषी कोमा में चला गया है और न्यायाधीश प्रभारी शनिवार को अपनी ड्यूटी पर आएंगे इसलिए मामले को उनके समक्ष विचार के लिए शनिवार सुबह 10 बजे तक के लिए टाला जाता है ।’
दो अन्य दोषियों,पूर्व नौकरशाह रुनू घोष और हैदराबाद के व्यवसायी पी रामा राव ने निचली अदालत के समक्ष समर्पण कर दिया था । उन्हें क्रमश: दो और तीन साल के लिए जेल भेज दिया गया ।
हाईकोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए निर्देश दिया था कि वे कैद की सजा काटने के लिए पांच जनवरी को निचली अदालत के समक्ष समर्पण कर दें।
(एजेंसी)
First Published: Friday, January 6, 2012, 12:46