कोयला घोटाले की जांच के लिए SIT बने: जस्टिस हेगड़े

कोयला घोटाले की जांच के लिए SIT बने: जस्टिस हेगड़े

कोयला घोटाले की जांच के लिए SIT बने: जस्टिस हेगड़े ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्‍त और जस्टिस संतोष हेगड़े ने बुधवार को कहा कि कोयला ब्‍लॉक आवंटन में हुए घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का गठन जरूरी है और एसआईटी ही इस घोटाले की जांच करे। हेगड़े ने यह भी कहा कि कोल ब्‍लॉक आवंटन रद्द होना चाहिए।

ज़ी न्‍यूज के साथ बातचीत में हेगड़े ने कहा कि इस मामले में राजनीतिक दलों का रवैया काफी शर्मनाक है। नेता सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं। नेताओं की जनता के मुद्दों में अब रुचि नहीं रह गई है। सभी को भ्रष्‍टाचार की जानकारी है, लेकिन महज बयानबाजी जारी हे। उन्‍होंने यह भी कहा कि कोयला घोटाले में सीबीआई से साफ सुथरी जांच की उम्‍मीद नहीं है।

उन्‍होंने कहा कि आज जितने कोयला आवंटन में जितने तथ्‍य सामने आए हैं, उससे यह स्‍पष्‍ट है कि पैसा बनाने के लिए राजनीतिज्ञों ने कोयला ब्‍लॉक आवंटन के लिए सिफारिश की। पूर्व लोकायुक्त ने मंगलवार को कहा कि जो चीजें सार्वजनिक हैं उन्हें देखने से साफ लगता है कि राजनीतिज्ञों ने कोयला ब्लॉकों के आवंटन में अनुशंसाएं पैसे बनाने के लिए कीं। हमारे सहयोगी चैनल ‘ज़ी न्यूज’ से खास बातचीत में पूर्व लोकायुक्त ने कहा कि जनहित में कोयला ब्लॉकों की नीलामी एक विकल्प हो सकती है।

राष्ट्रमंडल खेलों, 2जी एवं कोलगेट जैसे विभिन्न घोटालों पर प्रतिक्रिया देते हुए न्यायाघीश हेगड़े ने कहा, जब तक नौकरशाही एवं न्यायिक प्रणाली में व्यापक बदलाव नहीं होते तब तक भविष्य धुंधला दिखाई देता है।

उन्होंने कहा कि इसे समझने के लिए थोड़ा पीछे जाना होगा। बोफोर्स घोटाला 64 करोड़, सीएजी 7000 करोड़ फिर उसके बाद 2जी और अब कोलगेट। सीएजी ने कहा है कि कोल ब्लॉक के आवंटन से राजस्व को 1.86 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

उन्होंने कहा, राजनीतिज्ञों एवं नौकरशाहों के बीच बने गठजोड़ को हमें देखना होगा। पारदर्शिता एवं जवाबदेही के अभाव पर अफसोस जताते हुए न्यायाधीश हेगड़े ने कहा कि जिनके खिलाफ आरोप लगे हैं और जब तक वे निर्दोष साबित नहीं हो जाते तब तक उन्हें सार्वजनिक जीवन में अपराधी समझा जाना चाहिए और इसका समय आ गया है।

यह पूछे जाने पर कि कोयला ब्लॉक आवंटन की जांच जेपीसी की तरह एक विशेषाधिकार प्राप्त समिति से करानी चाहिए। इस पर पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि विशेषाधिकार प्राप्त समितियों में बेदाग छवि वाले पूर्व अधिकारियों को शामिल करना चाहिए। उन्होंने हालांकि, कहा कि लोकपाल देश में भ्रष्टाचार के अभिशाप को काफी कम कर सकता है।

हेगड़े का यह भी विचार है कि कोलगेट की जांच समयबद्ध तरीके से एसआईटी से करानी चाहिए। पूर्व लोकायुक्त ने दुख जताते हुए कहा, लोकतंत्र से बेहतर कोई अन्य राजनीतिक प्रणाली नहीं है लेकिन इसका राजनेताओं ने गलत इस्तेमाल किया है।

First Published: Wednesday, October 24, 2012, 16:50

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