Last Updated: Monday, August 19, 2013, 09:38
ज़ी मीडिया ब्यूरो/बिमल कुमार नई दिल्ली : कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से जुड़ी फाइलें गायब होने के मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व में विपक्षी दल कोयला घोटालो से जुड़े इस मुद्दे को सोमवार को संसद में उठाएगा। गौर हो कि बीते दिनों यूपीए सरकार ने यह स्वीकार किया था कि कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण फाइलें गायब हो गई हैं।
विपक्ष ने सरकार पर कोयला घोटाले से जुड़े सच को छुपाने और अहम तथ्यों को दबाने का गंभीर आरोप जड़ा है। बीजेपी ने फाइलों के गायब होने के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी, मायावती के नेतृत्व में बहुजन समाज पार्टी और जनता दल यूनाइटेड ने इस घोटाले में यूपीए सरकार पर लुकाछिपी का खेल खेलने का आरोप लगाया है।
जदयू नेता शरद यादव ने कोयला मंत्रालय को लपेटे में लेते हुए कहा कि फाइलों के गायब होने के लिए कोयला मंत्री और सचिव जिम्मेवार हैं। शरद यादव ने यह मांग की है कि सरकार इनके खिलाफ जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करे।
वहीं, बीजेपी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस मामले के लिए जिम्मेवार ठहराया है। चूंकि मनमोहन सिंह के पास साल 2004 में कोयला मंत्रालय का जिम्मा था। बीजेपी ने मनमोहन सिंह के जल्छ इस्तीफे की मांग की है।
बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कोयला घोटाले को लेकर सरकार की मंशा हमेशा से संदिग्ध रही है। सीबीआई जांच के डर से सरकार इस घोटाले से जुड़ी अहम तथ्यों को हमेशा से छुपाना चाहती है।
विपक्षी दलों ने घोटाले से जुड़ी फाइलें गायब होने के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि यह सकार के लिए बड़ी शर्मनाक बात है और उसे बताना चाहिए कि दरअसल हुआ क्या और उसके लिए कौन है जिम्मेदार।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने कहा कि यह सरकार के लिए चौंकाने वाली एवं शर्मनाक बात है और उसे स्पष्टीकरण देना चाहिए एवं लोगों को बताना चाहिए कि दरअसल वस्तुस्थिति है क्या और इसके लिए कौन है जिम्मेदार। क्या हुआ और कैसे हुआ, ये सारी बातें जनता के समक्ष रखी जानी चाहिए। पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने हजारीबाग में कहा कि हम कोलगेट में फाइलें गुम होने का मुद्दा बर्दाश्त नहीं करेंगे। मैं सदन (लोकसभा) में सोमवार को यह मुद्दा फिर उठाउंगा। हजारीबाग के भाजपा सांसद ने कहा कि कोयला घोटाले की जांच करने वाली सीबीआई को इस मामले की जांच करनी चाहिए।
गौर हो कि कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने बीते दिनों स्वीकार किया था कि 1993 से 2004 तक की कुछ फाइलें गुम हो गई हैं और मंत्रालय के अवर सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति मामले की जांच कर रही है।
उधर, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने यहां कहा कि यह सरकार द्वारा गैर जिम्मेदारी की हद है और उनकी पार्टी संसद में यह मुद्दा उठाएगी। उन्होंने कहा कि फाइलें गुम होना सरकार के गैर जिम्मेदारी की हद है और मैं सरकार से कहूंगा कि वह गोलमोल बातें न करें। इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार और जवाबदेह लोग इस मामले की जांच की बात कर रहे हैं और राष्ट्र को बता रहे हैं कि फाइलें गुम हो गईं। हम संसद में यह मुद्दा उठाएंगे।
इस मुद्दे पर भाजपा महासचिव राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि हम नहीं जानते कि वाकई कौन सी फाइलें गुम हो गई हैं और मंत्री का बयान भी राजनीति की छाया है। कोई फाइल कैसे गुम हो सकती है। मैं सोचता हूं कि किसी खास अवधि का जिक्र कर मंत्री अपने आप को कुछ खास कार्रवाई से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बयान से एक बड़े घोटाले की बू आती है, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय भी शामिल है और इस मामले पर उच्चतम न्यायालय की नजर है। मंत्री का बयान और उसकी पूरी कार्यवाही संदेह के घेरे में है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सीबीआई को जांच में सहयोग नहीं कर रहा। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 31 जुलाई को कहा था कि पूरी बातें बताने के बाद भी उसे वर्ष 2006-2009 के दौरान के कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़े कम से पांच अहम फाइलें नहीं मिली हैं। सीबीआई ने वर्ष 2006-2009 के दौरान के कोयला ब्लॉक आवंटन के सिलसिले में 13 मामले दर्ज किए। दरअसल लाभार्थियों ने ब्लाक के लिए आवेदन देते समय कथित रूप से गलत तथ्य पेश किए थे। जून में कोयला मंत्रालय ने फाइलें गुम होने के मुद्दे की जांच के लिए एक अंतरमंत्रालयी पैनल बनाया था। पैनल की अबतक महज एक बैठक हुई है। कुछ समय पहले कोयला मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया था कि वह कोयला ब्लाक आवंटन पर गायब फाइलें ढूढने में जुटा है।
First Published: Monday, August 19, 2013, 09:38