कोयला प्रकरण: संसद में गतिरोध जारी, भाजपा हुई अलग-थलग

कोयला प्रकरण: संसद में गतिरोध जारी, भाजपा हुई अलग-थलग

कोयला प्रकरण: संसद में गतिरोध जारी, भाजपा हुई अलग-थलगनई दिल्ली : कोयला ब्लाक आवंटन में कथित अनियमितता पर कैग की रिपोर्ट को लेकर बुधवार को दूसरे दिन भी संसद की कार्यवाही ठप रही और भाजपा ने सरकार के खिलाफ अपना रवैया और कड़ा किया लेकिन उसके सहयोगी जदयू द्वारा उसकी रणनीति पर आपत्ति जताने और प्रधानमंत्री को निशाना बनाने की उसकी बात से तृणमूल कांग्रेस के सहमत न होने के बाद वह अलग थलग पड़ती प्रतीत हुई।

कल की तरह आज भी संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने कैग की रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया जिसकी वजह से कोई कामकाज नहीं हो पाया। अंतत: कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। भाजपा आज भी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे पर अड़ी रही और कहा कि पूर्व मंत्रियों ए राजा तथा दयानिधि मारन की तरह ही कोयला मंत्री रहे प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।

पार्टी ने आज इस मुद्दे पर अपना रुख और अधिक सख्त कर लिया तथा उसके सदस्य टू जी घोटाले की जांच के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति से प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री पी. चिदंबरम तथा प्रधानमंत्री कार्यालय के कुछ मुख्य अधिकारियों को तलब किए जाने की मांग करते हुए बाहर आ गए।

बहरहाल, संसद ठप करने की भाजपा की रणनीति को जदयू का साथ नहीं मिला। जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा कि कोयला ब्लाक आवंटन के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा होनी चाहिए। इस बीच, जदयू ने कहा कि इस विषय पर राजग की एकजुटता के नाम पर उनकी पार्टी भाजपा के निर्णय का एक दो दिन तो समर्थन करेगी, लेकिन वह महसूस करती है कि इसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर संसद की कार्यवाही बाधित करना संभव नहीं हो पाएगा क्योंकि अन्य दल इसके इच्छुक नहीं हैं।

अन्य दलों की राय जानने के लिए शरद यादव ने माकपा, भाकपा, तेदेपा, सपा और बसपा नेताओं से बात की और उन्होंने कहा कि सभी ने कार्यवाही बाधित करने के स्थान पर चर्चा का पक्ष लिया।

तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी सूत्रों ने कहा कि उनकी नेता ने भाजपा का अपने साथ आने का अनुरोध खारिज कर दिया है। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जिस तरह से 2जी घोटाले में आरोपों के चलते पूर्व मंत्री ए. राजा और एयरसैल-मैक्सिस घोटाले में घिरे दयानिधि मारन को इस्तीफा देना पड़ा, उसी तरह 2006 से 2009 तक कोयला मंत्री रहे प्रधानमंत्री को कोल ब्लॉक आवंटन में सामने आई अनियमितता के मामले में इस्तीफा देना होगा।

कोयला ब्लॉक आवंटन के मुद्दे पर संसद में चर्चा की कांग्रेस की अपील को खारिज करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि केवल सिंह का इस्तीफा ही विकल्प है क्योंकि बिना उनके पद से हटे निष्पक्ष जांच नहीं हो सकेगी। इस मुद्दे पर भाजपा पिछले दो दिनों से संसद की कार्यवाही ठप किए हुए है। एक ओर जहां संसद में गतिरोध जारी है, वहीं कांग्रेस ने भाजपा और कैग दोनों पर ही आरोप तेज कर दिए हैं। पार्टी ने सरकारी लेखाकार कैग पर ‘सीमा पार करने’ और विपक्षी दल पर पुलिस, वकील और न्यायाधीश की भूमिका निभाने का आरोप लगाया है।

भाजपा की मांग खारिज करते हुए पार्टी के प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। प्रधानमंत्री की छवि बहुत साफ है। भाजपा के आरोप लगाने भर से कोई भी आरोपी नहीं हो जाता। संसदीय मामलों के मंत्री पवन कुमार बंसल ने संवाददाताओं से अलग बातचीत में यही कहा। उन्होंने कहा कि कि भाजपा इसलिए संसद से दूर भाग रही है क्योंकि वह जानती है कि बहस में सत्ता पक्ष विपक्ष के आरोपों को खोखला साबित कर देगा। बंसल ने कहा कि संसद में जब भी बहस होगी, प्रधानमंत्री उसमें हस्तक्षेप करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कल भी चर्चा के लिए तैयार थे।

कांग्रेस की कोयला ब्लाक आवंटन के मुद्दे पर संसद में बहस की मांग खारिज करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि यही उचित होगा कि सिंह इस्तीफा दें और उनके इस्तीफे के बिना निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। प्रधानमंत्री होने के नाते वह सीबीआई के भी प्रभारी हैं। खबरों के अनुसार कांग्रेस नीत संप्रग सरकार मुख्य विपक्षी दल के संपर्क में है और 2जी मामले की तरह इस मामले में भी एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाने की पेशकश कर गतिरोध समाप्त करने का प्रयास कर रही है, लेकिन भाजपा और राजग के उसके सहयोगी दल इस सप्ताह संभवत: संसद की कार्यवाही नहीं चलने देंगे।

राजग में आज रात दरार उस समय और गहरी हो गई जब बीजद ने भी कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर कैग की रिपोर्ट के मुद्दे पर संसद की कार्यवाही ठप किए जाने का विरोध किया। बीजद नेता और लोकसभा सदस्य बी महताब ने कहा कि हम चाहते हैं कि सदन चले। बीजद संसद में ‘कोलगेट’ पर बहस कराने के पक्ष में है। बहस करना ज्यादा लोकतांत्रिक होगा क्योंकि तब इस मुद्दे पर विभिन्न दलों के विचार सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही बाधित करने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 22, 2012, 23:22

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