Last Updated: Tuesday, September 11, 2012, 18:29

नई दिल्ली: भाजपा ने आरोप लगाया कि कोयला ब्लाक आवंटन में कथित भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का सिरा प्रधानमंत्री के दरवाज़े तक जाता है, इसलिए सभी 142 आवंटन रद्द कर पूरे मामले की केन्द्रीय सतर्कता आयोग के तहत गठित विशेष जांच दल से तहकीकात कराई जाए।
पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने यहां कहा, ‘‘कोयला आवंटन मामले में स्क्रीनिंग कमेटी की आखिरी बैठक 2008 में हुई थी। लेकिन उसके बाद 2009 से 2011 तक 36 निजी कंपनियों को 17 कोयला ब्लाक आवंटित कर दिए गए। इनमें से कुछ समय प्रधानमंत्री ही कोयला विभाग के प्रभारी रहे।’’ उन्होंने कहा कि ऐसा तब हुआ जब कोयला ब्लाक का प्रतिस्पर्धी बोली के जरिए आवंटन किए जाने का नियम बन चुका था।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी घेरे में लेते हुए भाजपा प्रवक्ता ने सवाल किया कि ऐसा कैसे हुआ कि जिन लोगों को कोयला ब्लाक आवंटन हुए उनमें से कम से कम नौ कंपनियां कांग्रेस के मंत्रियों के भाइयों या रिश्तेदारों की हैं। प्रधानमंत्री से उन्होंने पूछा कि उन्होंने बिना छानबीन किए इन आवंटनों के कागज़ात पर यंत्रवत हस्ताक्षर क्यों किए? विशेष जांच दल से पूरे मामले की जांच की मांग करते हुए भाजपा ने कहा कि ऐसी छानबीन सरकार के अधीन संभव नहीं है, क्योंकि वह खुद शक के घेरे में है। अत: केन्द्रीय सतर्कता आयोग या किसी अन्य संवैधानिक संस्था के तहत विशेष जांच दल का गठन किया जाए। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 11, 2012, 18:29