Last Updated: Tuesday, February 5, 2013, 18:08

भुवनेश्वर : केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने मंगलवार को दावा किया कि राज्यों में कोयला ब्लाक आवंटन सहित कोयला क्षेत्र में कोई घोटाला नहीं हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर ओड़िशा तालचर क्षेत्र में पांच नए कोयला ब्लाक आवंटन के लिए बोली प्रक्रिया में शामिल हुआ है तो केंद्र उसके मामले पर विशेष रूप से गौर करेगा।
जायसवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में कोयला क्षेत्र में कोई घोटाला नहीं हुआ है। कोयला ब्लाक 1993 से ही आवंटित किए जा रहे हैं और हमने उसी प्रक्रिया का अनुसरण किया है। पूर्ववर्ती राजग सरकार ने अपने कार्यकाल में 43 कोयला ब्लाकों का आवंटन किया था। उन्होंतने कहा कि कोयले की बढ़ती मांग को कोल इंडिया लि. अकेले पूरा नहीं कर सकती, इसलिए सरकार ने निजी कंपनियों को कोयला ब्लाकों का आवंटन किया। पूर्व सरकारें भी ऐसा करती रही हैं।
जायसवाल ने कहा कि आप किस प्रकार कह सकते हैं कि सभी सरकारें कोयला ब्लाक आवंटन घोटाले में लिप्त रही हैं। उन्होंने कहा कि नरसिंह राव से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी सरकार तक सभी ने निजी कंपनियों को कोयला ब्लाकों का आवंटन किया। ओड़िशा के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को तीन कोयला ब्लाकों का आवंटन रद्द किए जाने के संबंध में एक सवाल पर जायसवाल ने कहा कि इस प्रक्रिया में मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य हासिल करने में नाकाम रहने वालों को गैर आवंटन नोटिस दिए गए हैं।
जिन कोयला ब्लाकों का आवंटन रद्द कर दिया गया उन्हें फिर से आवंटित किए जाने की ओड़िशा सरकार की मांग पर जायसवाल ने कहा कि हम वह :पुन: आवंटन: नहीं कर सकते। इस संबंध में अंतर.मंत्रालयीय समूह फैसला करता है। मंत्रालय की इसमें कोई भूमिका नहीं है। एनटीपीसी जैसे सावर्जनिक क्षेत्र के उपक्रमांे को फिर से कोयला ब्लाक आवंटित किए जाने के संबंध में ओड़िशा के मंत्री आर के सिंह के एक बयान पर जायसवाल ने कहा कि हमने एटीपीसी से वायदा किया था। लेकिन ऐसा कोई वायदा ओड़िशा सरकार को नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि कोयला मंत्रालय ने ओड़िशा खनन निगम और ओड़िशा जल बिजली निगम को आवंटित तीन ब्लाक रद्द कर दिए गए थे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 5, 2013, 18:08