Last Updated: Sunday, October 23, 2011, 08:15
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट बम धमाके में अहम खुलासा हुआ है। एनआईए सूत्रों के हवाले से खुलासा हुआ है कि दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर 7 सितंबर को हुए ब्लास्ट के लिए बम दो पाकिस्तानी नागरिकों ने रखा था।
एनआईए के पूछताछ में मास्टरमाइंड अकरम मलिक ने यह बात कबूली है। मलिक ने कबूल किया कि हाईकोर्ट के बाहर ब्लास्ट संसद पर हुए हमलों में पकड़े गए आतंकी अफजल गुरु को फांसी की सजा से बचाने के लिए छेड़े गए ऑपरेशन का हिस्सा था।
सूत्रों के मुताबिक, वसीम ने दोनों हमलावरों की पहचान लाहौर के सैफुल्लाह और बिलाल के रूप में की है। वसीम ने जांचकर्ताओं को बताया कि उन दोनों की उम्र 25 से 30 साल के बीच है। हालांकि, उसने उन दोनों हमलावरों के किसी आतंकी संगठन से जुड़े होने के बारे में कुछ नहीं बताया है।
वसीम से मिली जानकारी जांचकर्ताओं के लिए मददगार साबित हो सकती है। वसीम ने जांचकर्ताओं को बताया कि हाईकोर्ट पर हमला करने की साजिश उसने रची थी, जिससे कि वह सरकार को अफजल गुरु की फांसी को रोकने पर विवश कर सके। बांग्लादेश में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे किश्तवाड़ के वसीम ने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट पर भी हमला करने का प्लान था।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, October 23, 2011, 13:56