कोर्ट ने अभिषेक वर्मा के अनुरोध को किया खारिज

कोर्ट ने अभिषेक वर्मा के अनुरोध को किया खारिज

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने विवादास्पद हथियार व्यापारी अभिषेक वर्मा और उनकी पत्नी के उस अनुरोध को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के दो अलग अलग मामलों में जमानत के लिए लगायी गयी दो मुचलकों (श्योरिटी बांड) की शर्त को हटाने की मांग की थी।

सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज अलग अलग मामलों में कथित भूमिका को लेकर वर्मा अभी अपनी रोमानियाई पत्नी अंका मारिया नीसक्यू के साथ न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद हैं। वर्मा ने अदालत से गुहार लगायी थी कि जो मुचलका उन्हें पेश करना है, उसकी व्यवस्था कर पाना उनके लिए ‘‘असंभव’’ है।

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश वी के गुप्ता ने उनकी अपील को खारिज करते हुए कहा, ‘‘ आरोपी लोगों (वर्मा और अंका) का मामला यह नहीं है कि वे निर्धनता के कारण मुचलका पेश करने की स्थिति में नहीं हैं। यह निर्धारित कानून है कि अगर आरोपी निर्धनता के कारण जमानत पेश करने में असमर्थ है तो उसे निजी बांड पर रिहा किया जा सकता है।’’ आरेापी के अदालत द्वारा जमानत देते समय लगायी गयी शतोर्ं का पालन नहीं करने की स्थिति में ‘‘श्योरिटी बांड’’ एक वायदा होता है कि कोई व्यक्ति खास राशि का भुगतान करेगा।

वर्मा और उनकी पत्नी को एक मामले में ढाई लाख रुपए के निजी बांड और इतनी ही राशि के दो मुचलकों पर जमानत दी गयी थी। मुचलकों की शर्त में छूट देने का अनुरोध करते हुए वर्मा ने अदालत से गुहार लगायी थी कि उनकी मां को जमानत देनी थी और दूसरे मुचलके की व्यवस्था करनी थी। लेकिन मां ‘‘लकवाग्रस्त’’ हो गयी और उनके लिए दो मुचलकों की व्यवस्था कर पाना असंभव हो गया है।

अदालत ने लेकिन उनके आवेदन को खारिज कर दिया और कहा, ‘‘ जमानत नहीं पेश करने का कारण निर्धनता नहीं है। ऐसे में उन्हें निजी बांडों पर रिहा करने का मुझे कोई कारण नहीं दिखता।’’ इसके पहले आरोपियों को अदालत से जमानत मिल गयी थी और सीबीआई दोनों मामलों में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने में नाकाम रही थी। अदालत ने वर्मा और उनकी पत्नी की न्यायिक हिरासत की अवधि भी 21 मार्च तक बढ़ा दी है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, March 10, 2013, 11:59

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