कोलगेट: अहम फाइलें गायब होने पर संसद में विपक्ष का हंगामा, यूपीए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला

कोलगेट: अहम फाइलें गायब होने पर संसद में विपक्ष का हंगामा, यूपीए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला

कोलगेट: अहम फाइलें गायब होने पर संसद में विपक्ष का हंगामा, यूपीए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलाज़ी मीडिया ब्‍यूरो/बिमल कुमार

नई दिल्‍ली : कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से जुड़ी फाइलें गायब होने के मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर सोमवार को जमकर प्रहार किया। यूपीए सरकार की ओर से कोयला ब्‍लॉक आवंटन से जुड़ी कुछ महत्‍वपूर्ण फाइलें गायब होने की बात स्‍वीकार करने के बाद विपक्षी सांसदों ने आज संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया।

राज्यसभा में सोमवार को विपक्षी भाजपा ने कोयला मंत्रालय की महत्वपूर्ण फाइलों के गायब होने का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि इस प्रकरण में प्रधानमंत्री को बचाने की कोशिश की जा रही है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

भाजपा सदस्यों ने इस संबंध में प्रधानमंत्री या कोयला मंत्री के बयान की मांग की। विपक्ष की मांग पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ल ने सदन को आश्वस्त किया कि कोयला मंत्री इस संबंध में सदन में बयान देंगे। हालांकि उन्होंने कोई समय सीमा बताने से इंकार कर दिया।

शून्यकाल में भाजपा के धर्मेंद्र प्रधान ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोयला विभाग की महत्वपूर्ण फाइलें गायब हो गई हैं। उन्होंने कहा कि पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ। सरकार को इस बारे में जवाब देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय और भारत सरकार क्या छिपाना चाहती है। यह साजिश है, यह प्रधानमंत्री को बचाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि जब यह घोटाला हुआ था उस समय कोयला मंत्रालय का प्रभार प्रधानमंत्री के ही पास था।

प्रधान ने सवाल किया कि फाइल गायब होने के लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की जांच कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे में विभाग से जानबूझकर फाइलें गायब की गई हैं। सदन में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि फाइल गायब होने के मुद्दे पर सरकार को जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक बार सबूत मिटा दिए जाने के बाद कहा जाएगा कि कोई अपराध ही नहीं हुआ। जेटली ने कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन से जिन्हें फायदा हुआ, आवंटन करने वाली स्क्रीनिंग समिति, मंत्री, मंत्री कार्यालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय जांच के दायरे में हैं।

प्रधान ने आरोप लगाया कि इस घोटाले से सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और जांच में हस्तक्षेप करने पर एक कानून मंत्री को अपना पद छोड़ना पड़ा था। भाजपा की ओर से एम वेंकैया नायडू और राजीव प्रताप रूड़ी ने भी यह मुद्दा उठाया। इस मुद्दे पर भाजपा सदस्यों के हंगामे पर शुक्ल ने कहा कि अभी मीडिया में छपी रिपोर्ट पर यह मुद्दा उठाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कोयला मंत्री इस संबंध में बयान देंगे फिर तथ्य सामने आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि वह सदस्यों की बात मंत्री तक पहुंचाकर उनका बयान कराएंगे। भाजपा सदस्य जब इस मुद्दे पर सरकार के जवाब की मांग करते हुए हंगामा करने लगे तो उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि यह मुद्दा शून्यकाल में उठाया गया है और इस संबंध में वह सरकार को निर्देश नहीं दे सकते।

इस पर भाजपा की नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि आसन को अधिकार है कि वह सरकार को निर्देश दे सकता है। कुरियन ने कहा कि आसन भी नियमों से बंधा हुआ है।

विपक्षी सांसदों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और लोकसभा में कोयला घोटाले को लेकर केंद्र सरकार से स्‍पष्‍टीकरण मांगा। वहीं, बीजेपी ने जीरोआवर में इस मामले को उठाया।

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कोयला घोटाले से जुड़ी फाइलें गुम होने का मामला गंभीर है। वहीं, बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता यशवंत सिन्‍हा ने कहा कि मामले में बड़े लोग शामिल हैं।

इससे पहले, संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि इस मसले पर कोयला मंत्री जवाब देंगे। सरकार कुछ भी नहीं छिपा रही है। उधर, समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि फाइलें गायब होने के मामले की जांच होनी चाहिए। माकपा के सीताराम येचुरी ने कोयला ब्लॉक आवंटन संबंधी फाइलों के गुम होने का मुद्दा उठाया। वहीं, सदन की कार्यवाही का निर्बाध संचालन सुनिश्चित करने के प्रयास में राज्यसभा के सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने नियमों में संभावित बदलावों पर चर्चा के लिए आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

विपक्ष ने सरकार पर कोयला घोटाले से जुड़े सच को छुपाने और अहम तथ्‍यों को दबाने का गंभीर आरोप जड़ा है। बीजेपी ने फाइलों के गायब होने के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी, मायावती के नेतृत्‍व में बहुजन समाज पार्टी और जनता दल यूनाइटेड ने इस घोटाले में यूपीए सरकार पर लुकाछिपी का खेल खेलने का आरोप लगाया है। जदयू नेता शरद यादव ने कोयला मंत्रालय को लपेटे में लेते हुए कहा कि फाइलों के गायब होने के लिए कोयला मंत्री और सचिव जिम्‍मेवार हैं। शरद यादव ने यह मांग की है कि सरकार इनके खिलाफ जल्‍द से जल्‍द कड़ी कार्रवाई करे।

बीजेपी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस मामले के लिए जिम्‍मेवार ठहराया है। चूंकि मनमोहन सिंह के पास साल 2004 में कोयला मंत्रालय का जिम्‍मा था। बीजेपी ने मनमोहन सिंह के जल्‍द इस्‍तीफे की मांग की है।
बीजेपी प्रवक्‍ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कोयला घोटाले को लेकर सरकार की मंशा हमेशा से संदिग्‍ध रही है। सीबीआई जांच के डर से सरकार इस घोटाले से जुड़ी अहम तथ्‍यों को हमेशा से छुपाना चाहती है।

विपक्षी दलों ने घोटाले से जुड़ी फाइलें गायब होने के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि यह सकार के लिए बड़ी शर्मनाक बात है और उसे बताना चाहिए कि दरअसल हुआ क्या और उसके लिए कौन है जिम्मेदार।

गौर हो कि कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने बीते दिनों स्वीकार किया था कि 1993 से 2004 तक की कुछ फाइलें गुम हो गई हैं और मंत्रालय के अवर सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति मामले की जांच कर रही है।

First Published: Monday, August 19, 2013, 13:26

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