Last Updated: Friday, April 26, 2013, 15:11
नई दिल्ली : कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में उच्चतम न्यायालय में सीबीआई के हलफनामे से उठे विवाद के बीच तृणमूल कांग्रेस ने कानून मंत्री अश्विनी कुमार के इस्तीफे के साथ सीबीआई निदेशक को कोयला घोटाले की जांच कर रही लोक लेखा समिति के समक्ष बुलाने की आज मांग की।
तृणमूल के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रॉय ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘इस तरह की भावना है कि सीबीआई कांग्रेस अन्वेषण ब्यूरो बन गयी है। उसे मामलों को निपटने में और सावधानी बरतनी चाहिए। हालांकि वह खुद को रोक नहीं सकी और सरकार की इच्छा के अनुसार चली। यह हमारी व्यवस्था के लिए खतरनाक है।’ सीबीआई के हलफनामे के मद्देनजर क्या कानून मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए, इस सवाल का जवाब उन्होंने ‘हां’ में दिया।
उन्होंने कहा, ‘मंत्री संविधान के तहत शपथ लेते हैं कि हम कानून का पालन करेंगे। यह दर्शाता है कि वे कानून का पालन नहीं कर रहे और इसलिए उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।’ सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने आज उच्चतम न्यायालय में कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले पर एजेंसी की रिपोर्ट को कानून मंत्री अश्विनी कुमार की इच्छानुरूप उनके साथ साझा किया गया था और प्रधानमंत्री कार्यालय तथा कोयला मंत्रालय के आला अधिकारियों ने भी इसे देखा था।
रॉय ने कहा कि घोटाले की जांच कर रही पीएसी के सदस्य के तौर पर वह लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध करेंगे कि सिन्हा को समिति के समक्ष बुलाया जाए ताकि वह बता सकें कि उन्होंने रिपोर्ट को कानून मंत्री और पीएमओ के साथ साझा किसके कहने पर किया और क्या उन पर कोई दबाव था। तृणमूल के एक और राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन ने कहा कि अगर कोई मंत्री सीबीआई निदेशक को बुलाता है तो यह बैठक अपने आप में अदालत की अवमानना है। उन्होंने पूछा, ‘मूल रिपोर्ट कहां है?’ (एजेंसी)
First Published: Friday, April 26, 2013, 15:11