Last Updated: Sunday, August 18, 2013, 21:32

नई दिल्ली : विपक्षी दलों ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से जुड़ी फाइलें गायब होने के मुद्दे को लेकर रविवार को केंद्र पर हमला किया और कहा कि यह सकार के लिए बड़ी शर्मनाक बात है और उसे बताना चाहिए कि दरअसल हुआ क्या और उसके लिए कौन है जिम्मेदार।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने कहा, ‘यह सरकार के लिए चौंकाने वाली एवं शर्मनाक बात है और उसे स्पष्टीकरण देना चाहिए एवं लोगों को बताना चाहिए कि दरअसल वस्तुस्थिति है क्या और इसके लिए कौन है जिम्मेदार। क्या हुआ और कैसे हुआ- सारी बातें जनता के समक्ष रखी जानी चाहिए।’
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने हजारीबाग में कहा, ‘हम कोलगेट में फाइलें गुम होने का मुद्दा बर्दाश्त नहीं करेंगे। मैं सदन (लोकसभा) में सोमवार को यह मुद्दा फिर उठाऊंगा।’ हजारीबाग के भाजपा सांसद ने कहा कि कोयला घोटाले की जांच करने वाली सीबीआई को इस मामले की जांच करनी चाहिए।
कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने शनिवार को स्वीकार किया था कि 1993 से 2004 तक की कुछ फाइलें गुम हो गई हैं और मंत्रालय के अवर सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति मामले की जांच कर रही है।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने यहां कहा कि यह सरकार द्वारा गैर जिम्मेदारी की हद है और उनकी पार्टी संसद में यह मुद्दा उठाएगी। उन्होंने कहा, ‘फाइलें गुम होना सरकार के गैर जिम्मेदारी की हद है और मैं सरकार से कहूंगा कि वह गोलमोल बातें न करें। इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार और जवाबदेह लोग इस मामले की जांच की बात कर रहे हैं और राष्ट्र को बता रहे हैं कि फाइलें गुम हो गयीं। हम संसद में यह मुद्दा उठाएंगे।’
इस मुद्दे पर भाजपा महासचिव राजीव प्रताप रूडी ने कहा, ‘हम नहीं जानते कि वाकई कौन सी फाइलें गुम हो गयी हैं और मंत्री का बयान भी राजनीति की छाया है। कोई फाइल कैसे गुम हो सकती है। मैं सोचता हूं कि किसी खास अवधि का जिक्र कर मंत्री अपने आप को कुछ खास कार्रवाई से बचाने की कोशिश कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘इस बयान से एक बड़े घोटाले की बू आती है जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय भी शामिल है और इस मामले पर उच्चतम न्यायालय की नजर है। मंत्री का बयान और उसकी पूरी कार्यवाही संदेह के घेरे में है।’
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 31 जुलाई को कहा था कि पूरी बातें बताने के बाद भी उसे वर्ष 2006-2009 के दौरान के कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़े कम से पांच अहम फाइलें नहीं मिली हैं।
सीबीआई ने वर्ष 2006-2009 के दौरान के कोयला ब्लॉक आवंटन के सिलसिले में 13 मामले दर्ज किए। दरअसल, लाभार्थियों ने ब्लॉक के लिए आवेदन देते समय कथित रूप से गलत तथ्य पेश किए थे। जून में कोयला मंत्रालय ने फाइलें गुम होने के मुद्दे की जांच के लिए एक अंतरमंत्रालयी पैनल बनाया था। पैनल की अबतक महज एक बैठक हुई है।
कुछ समय पहले कोयला मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया था कि वह कोयला ब्लाक आवंटन पर गायब फाइलें ढूढने में जुटा है। उससे पहले उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि केंद्र सीबीआई को जांच में सहयोग नहीं कर रहा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 18, 2013, 21:32