Last Updated: Thursday, September 19, 2013, 19:08

नई दिल्ली : कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़ी लापता फाइलों के सिलसिले में सीबीआई दो दिन के भीतर प्रारंभिक जांच शुरू करेगी। जांच अधिकारियों की कोयला मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हुई उच्च बैठक के बाद यह फैसला किया गया।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि कोयला मंत्रालय ने कल एक नया पत्र भेजा है जिसमें उसके पास उपलब्ध फाइलों का ब्योरा है तथा सीबीआई से अनुरोध किया गया है कि इसे शिकायत माना जाए, जिसके आधार पर जांच शुरू की जा सकती है। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई के दल ने कोयला मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की जहां दोनों पक्ष इस बात पर पहुंचे कि कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़ी 15 से 18 फाइलें अब भी मिली नहीं हैं जिनमें जांच समिति का कार्य विवरण है।
सूत्रों ने कहा कि इस जानकारी के आधार पर यह फैसला किया गया कि गुम फाइलों के सिलसिले में जांच शुरू की जाए लेकिन एजेंसी ने प्रारंभिक जांच शुरू करने को तरजीह दी जिसे किसी तरह के दुर्भावनापूर्ण कृत्य के साक्ष्य पाये जाने पर नियमित मामले में बदला जा सकता है। दस्तावेजों के विश्लेषण और कोयल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान सीबीआई ने पाया था कि कुछ अहम फाइलें उपलब्ध नहीं हैं।
सूत्रों ने कहा कि इनमें से एक फाइल 26वीं जांच कमेटी के कार्य-विवरण से जुड़ी है जो मंत्रालय के पास नहीं है और भरसक प्रयासों के बावजूद मंत्रालय में केवल कार्य-विवरण का मसौदा ही मिल सका। कोयला मंत्रालय ने सोमवार को दस्तावेजों का एक सेट भेजा था जिसके साथ फाइलों और रिकॉर्ड की एक सूची थी। प्रारंभिक विश्लेषण में पता चला था कि एजेंसी द्वारा मांगी गयी सभी फाइलें मंत्रालय ने नहीं दी हैं।
सीबीआई कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले के सिलसिले में उसके द्वारा दर्ज 13 मामलों से जुड़े अहम रिकार्ड की तलाश कर रही है जिनमें कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विजय दर्डा का वह पत्र भी है जिसमें आरोपी कंपनी एमएमआर आयरन एंड स्टील के लिए कोयला ब्लॉक की सिफारिश की गयी थी। सीबीआई ने पिछले सप्ताह 150 फाइलों और दस्तावेंजों को ‘प्राप्त नहीं हुए’ की सूची में रखा था।
सीबीआई ने कोयला मंत्रालय को दी गयी सूची में कुछ फाइलों की मांग की थी जिनमें टाटा स्पोंज आयरन प्राइवेट लिमिटेड को आवंटन, 26वीं जांच समिति के कार्य-विवरण, झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड को आवंटन और कंपनी द्वारा अवर सचिव एस के कक्कड़ को भेजे गये एजेंडे से जुड़ी फाइलें शामिल हैं।
उच्चतम न्यायालय ने 29 अगस्त को मामले में सुनवाई करते हुए सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह उन दस्तावेजों, फाइलों और जानकारी की सूची पांच दिन के भीतर कोयला मंत्रालय को दे, जो सीबीआई को चाहिए। बदले में मंत्रालय दो सप्ताह में दस्तावेजों को सौंपेगा। सीबीआई ने 2 सितंबर को एटार्नी जनरल जी ई वाहनवती को लिखे अपने पत्र में 50 से अधिक आवंटनों की विस्तृत सूची सौंपी थी जिनकी फाइलें उसे नहीं मिली हैं।
शीर्ष अदालत ने कोयला मंत्रालय को निर्देश दिया था कि अगर कोई दस्तावेज नहीं मिलता तो कोयला मंत्रालय को उसके बाद एक सप्ताह के भीतर सीबीआई में प्राथमिकी दर्ज करानी होंगी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 19, 2013, 19:04