कोल ब्लॉक आवंटन में हुई अनियमितता : CBI

कोल ब्लॉक आवंटन में हुई अनियमितता : CBI

कोल ब्लॉक आवंटन में हुई अनियमितता : CBIनयी दिल्ली : केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि कोयला ब्लाक आबंटन मामले की अब तक की जांच से पता चला है कि सरकारी संसाधनों के आबंटन में सरकारी प्राधिकारियों ने अनियमितता की और इस समय करीब 300 कंपनियां उसकी जांच के दायरे में हैं।

शीर्ष अदालत में दाखिल हलफनामे में जांच एजेन्सी ने कहा है कि वह 1993 से और विशेष रूप से 2006 से 2008 के दौरान कोयला आबंटन के मामले में प्रत्येक कंपनी के खिलाफ जांच की जा रही है।

हलफनामे के अनुसार जांच एजेन्सी को पता चला है कि 1993 से ही कोयला ब्लाक आबंटन और खदानों के विकास के लिये ठेका देने तथा सरकार के अधीन वर्ग के तहत सार्वजनिक उपक्रमों के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने में अनियमिततायें हुयी हैं।

हलफनामे में कहा गया है कि प्राधिकारियों ने कोयला मंत्रालय द्वारा सरकारी वितरण वर्ग के तहत आवंटित कोयला ब्लाक की खदानों के विकास के लिये ठेका देने में नियमों और प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। जांच एजेन्सी ने कहा है कि जांच ब्यूरो के निर्देशक ने करीब एक लाख 60 हजार पन्नों की सात सौ फाइलों की छानबीन के लिये जांचकर्ताओं का विशेष दल गठित किया है।

हलफनामे में कहा गया कि संयुक्त उद्यम बनाने के लिये संबधित प्राधिकारियों ने पारदर्शी प्रणाली नहीं अपनायी और इस प्रक्रिया में अपेक्षित सावधानी नहीं बरती गयी। निजी पक्षों के साथ संयुक्त उद्यमों या खदानों के विकास के ठेके देने में कुछ लोक सेवकों के निहित स्वार्थ थे। यह भी संदेह है कि इस प्रक्रिया में कई निजी कंपनियों को अनावश्यक लाभ भी मिला है।

हलफनामे के अनुसार इस मामले की जांच में एजेन्सी ‘व्यापक और विस्तृत’ दृष्टिकोण अपना रही है और संसद में खदान और खनिज संशोधन बिल, 2008 पेश करने में विलंब के बारे में आरोपों पर भी गौर कर रही है। हलफनामे में कहा गया है कि तीन सौ से अधिक कंपनियों को कोयला ब्लाक के आबंटन से संबंधित मामलों की तफतीश पर विचार हो रहा है। अभी तक 12 कंपनियों के मामले में जांच पूरी हो चुकी है और इनमें से नौ कंपनियों के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

जांच एजेन्सी ने न्यायालय के समक्ष उन कंपनियों की सूची भी पेश की जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। इनमें जस इंफ्रास्ट्रक्चर कैपिटल प्रा लिमिटेड, एएमआर आयरल एंड स्टील प्रा लि, जेएलडी यवतमाल एनर्जी लि, नवभारत पावर लि, विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लि, ग्रेस इंडस्ट्रीज लि, विकाश मेटल एंड पावर लि, ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और कमल स्पॉन्ज स्टील एंड पावर लिमिटेड कंपनियां शामिल हैं।

एजेन्सी ने कहा कि जांच की गोपनीयता और निष्पक्षता कायम रखने के इरादे से ही वह सारी जानकारी का खुलासा नहीं कर रही है।

कोयला ब्लाक के आबंटन में कथित अनियमितताओं के आरोपों पर शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद जांच एजेन्सी ने यह हलफनामा दाखिल किया है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, January 24, 2013, 20:22

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