'कोल ब्‍लॉक आवंटन घोटाले की CBI जांच हो' - Zee News हिंदी

'कोल ब्‍लॉक आवंटन घोटाले की CBI जांच हो'



ज़ी न्यूज ब्यूरो

 

नई दिल्ली: बिना नीलामी के कोयला ब्लाक आवंटन करने से कंपनियों को कथित अनुचित लाभ पहुंचाने से राजस्व को हुए 10.67 लाख करोड़ रुपये के नुकसान संबंधी कैग रिपोर्ट के दावे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की आज मांग की। कोयला खदानों के आवंटन में तथाकथित घोटाले के बाद सियासी उबाल आ गया है। बीजेपी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री सहित सरकार को आड़े हाथों लिया है।

 

बीजेपी नेता प्रकाश जावड़केर ने इस घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इस घोटाले के लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जिम्मेदार हैं। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह बहुत गंभीर घोटाला है जिसमें भारी लूट की गई है जिसके बाद सरकार को सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।
संसद भवन परिसर में भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि यह घोटालेबाजों की सरकार है और यह सरकार घोटाले में सिर से लेकर पांव तक डूबी हुई है। भाजपा इस मामले की अदालत की निगरानी में सीबीआई से जांच कराने की मांग करती है। उन्होंने कहा कि साल 2006 में सरकार ने कोयला ब्लाक के आवंटन से संबंधित विधेयक पेश किया लेकिन विधेयक 2010 तक पारित नहीं किया गया। उन्होंने प्रश्न किया कि कोयला ब्लाक का आवंटन बिना नीलामी के क्‍यों किया गया।? भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने कहा कि 2004 से 2009 तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास ही कोयला मंत्रालय था। इसी अवधि में यह घोटाला हुआ। प्रधानमंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है। यह घोटाला टूजी स्पेक्ट्रम से भी बड़ा है। देश की सम्पत्ति की लूट का मामला है। इस विषय को भाजपा आसानी से नहीं छोड़ेगी। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह सरकार आकाश से लेकर पाताल तक घोटालों में डूबी हुई। टूजी स्पेक्ट्रम का घोटाला जहां आकाश से संबंधित था, वहीं कोयला ब्लाक आवंटन घोटाला ‘पाताल’ से जुड़ा है।

 

उधर, समाजवादी पार्टी ने इस मामले में प्रधानमंत्री से संसद में सफाई मांगी है। पार्टी ने कहा है कि जो भी इस घोटाले के लिए जिम्मेदार है वह नैतिकता के आधार पर पद छोड़ दें।  कैग की रिपोर्ट के मुताबिक यूपीए सरकार के राज्य में देश के कोयला खदानों का बंदरबाट कर देश के खजाने को करीब 10.7 लाख करोड़ का नुकसान किया गया है। कैग रिपोर्ट में सरकार पर आरोप है कि कुछ खास कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए बगैर नीलामी के ही टेंडर कंपनियों को दे दिए गए। कोयला खदान के बटवारे पर इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने साल 2004 से 2009 के बीच कोयला खदानों की बंदरबांट की।

 

दूसरी तरफ पीएमओ के सूत्रों के मुताबिक यह दावा किया गया है कि यह ड्रॉफ्ट रिपोर्ट है और अंतिम रिपोर्ट नहीं है।

First Published: Thursday, March 22, 2012, 15:58

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