खाद्य सुरक्षा अध्यादेश पर असमंजस की स्थिति

खाद्य सुरक्षा अध्यादेश पर असमंजस की स्थिति

नई दिल्ली : इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि क्या सरकार खाद्य सुरक्षा पर अध्यादेश जारी करेगी क्योंकि इस सिलसिले में मंत्रिमंडल के अलावे विपक्षी दलों, कुछ सहयोगी दलों और अन्य पार्टियों में मतभेदों के चलते प्रतीत होता है कि सरकार इस रास्ते का इस्तेमाल करने को लेकर दुविधा में है। सरकार इस महत्वपूर्ण कानून को जल्द लागू करना चाहती है लेकिन सरकार में ही ऐसे लोग हैं जो अध्यादेश का रास्ता अपनाने के खिलाफ हैं।

यह विधेयक कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके जरिये कोशिश है कि देश की 67 प्रतिशत आबादी को राशन की दुकानों के जरिये एकसमान मात्रा में पांच किलोग्राम अनाज एक से तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्राप्त करने का कानूनी अधिकार मुहैया कराया जाए।

ऐसी अटकलें थीं कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश जारी करने के प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है लेकिन ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई। जारी बैठक के बाद खाद्य सुरक्षा विधेयक के बारे में बार बार पूछे जाने पर वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि मैं उस विषय पर प्रश्नों के उत्तर नहीं दे सकता जिस पर मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा ही नहीं की गई। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक पर मंत्रिमंडल में चर्चा नहीं हुई। वह संसद में है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि कांग्रेस 80 करोड़ भारतीयों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसका स्वरूप और तौर तरीका क्या होगा उस पर निर्णय किया जा रहा है। यह प्रक्रिया में है। सरकार के पास इस मामले में सभी विकल्प खुले हैं। सूत्रों ने कहा कि कानून मंत्रालय ने अध्यादेश का रास्ता अपनाने को मंजूरी दी है, लेकिन खाद्य मंत्रालय इसके पक्ष में नहीं है। खाद्य मंत्रालय इस विधेयक के लिए नोडल मंत्रालय है। कुछ और पक्ष भी इस विचार के समर्थन में नहीं हैं।

इसे स्पष्ट करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि अध्यादेश का रास्ता आखिरी विकल्प होना चाहिए। राकांपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रफुल पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी ‘101 प्रतिशत’ विधेयक के समर्थन में है और पार्टी के रुख को लेकर अनावश्यक विवाद खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राकांपा चाहती है कि किसानों को उनकी उपज की अच्छी कीमत मिले और गरीबों को अनाज सस्ते में मिले। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, June 5, 2013, 11:34

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