खाद्य सुरक्षा बिल के लिए विशेष सत्र बुलाएगी सरकार!

खाद्य सुरक्षा बिल के लिए विशेष सत्र बुलाएगी सरकार!

नई दिल्ली : सरकार अगले 10-15 दिनों में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को पारित कराने के लिए अध्यादेश जारी करने अथवा संसद का विशेष सत्र बुलाने के बारे में फैसला करेगी।

खाद्य मंत्री के वी थॉमस ने कहा कि अध्यादेश और संसद के विशेष सत्र के अलावा सरकार के पास एक विकल्प सरकारी आदेश लाकर विधेयक के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों को लागू करने का भी है। खाद्य विधेयक को दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक कल्याण कार्यक्रम भी बताया जाता है। इसका मकसद देश की 67 प्रतिशत आबादी को राशन की दुकानों के जरिये 1.3 रुपये प्रति किग्रा की निर्धारित दर पर एकसमान पांच किग्रा खाद्यान्न प्रदान करने का कानूनी अधिकार देना है। संसद के हाल में सम्पन्न बजट सत्र में बार बार के गतिरोध के कारण खाद्य विधेयक में संशोधनों को पारित नहीं कराया जा सका। इस विधेयक को वास्तव में दिसंबर, 2011 में लोकसभा में पेश किया गया था।

खाद्य मंत्री के वी थॉमस ने कहा, हमारे पास तीन विकल्प हैं. इस विधेयक को पारित करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाये, अध्यादेश जारी किया जाये और तीसरा सरकारी आदेश लाया जाये। सरकार इन सबके बारे में अगले 10.15 दिनों में कोई अंतिम फैसला करेगी।

अगले साल होने वाले आम चुनाव में कांग्रेस की कोशिश होगी कि विपक्ष के शासन और भ्रष्टाचार के आरोपों को खाद्य विधेयक और भूमि अधिग्रहण कानून के जरिये ध्वस्त करे। यह पूछे जाने पर कि क्या लाभार्थियों को सब्सिडीप्राप्त खाद्यान्न का कानूनी अधिकार अध्यादेश अथवा सरकारी आदेश से दिया जा सकता है, मंत्री ने कहा, मैंने अपने विभाग से इस मामले की जांच करने को कहा है। थॉमस ने कहा कि वह जल्द ही राज्य सरकारों को पत्र लिखेंगे कि वे खाद्य विधेयक के प्रावधानों को लागू करने के लिए तैयार रहें।

मंत्री ने कहा कि सरकारी आदेश के जरिये सरकार सस्ती दर पर प्रति व्यक्ति पांच किग्रा की एकसमान खाद्यान्न की मात्रा देने और मातृत्व लाभ देने जैसे मुख्य प्रावधानों को लागू कर सकती है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, May 12, 2013, 16:22

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