खाद्य सुरक्षा बिल पर संसद में चर्चा चाहते हैं पवार

खाद्य सुरक्षा बिल पर संसद में चर्चा चाहते हैं पवार

खाद्य सुरक्षा बिल पर संसद में चर्चा चाहते हैं पवार मुंबई : केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने आज स्पष्ट किया कि वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह चर्चा के बाद संसद द्वारा इसकी मंजूरी चाहेंगे।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं संसद में चर्चा के जरिए इस विधेयक की मंजूरी के पक्ष में हूं।’ पवार ने कहा कि सरकार में हर व्यक्ति चाहता है कि इसे मंजूरी मिले और इसे लागू किया जाए। इससे पहले उन्होंने आशंका जताई थी कि खाद्यान्न पर भारी रियायत से खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है और इससे किसानों के हितों को नुकसान पहुंच सकता है।

उन्होंने कहा, ‘मुद्दा है कि कैसे-- अध्यादेश के जरिए या संसद में चर्चा के जरिए। मैं विधेयक के खिलाफ नहीं हूं।’ उन्होंने कहा, ‘विपक्ष भी खाद्य विधेयक के खिलाफ नहीं है। वे कुछ अधिक चाहते हैं और चर्चा जारी है।’ हालांकि, उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा को बरकरार रखने के लिए उत्पादन में सुधार, कृषि में महती निवेश और बिजली और खाद की पर्याप्त उपलब्धता पर जोर दिया जाना चाहिए।

यह पूछे जाने पर कि अगर कांग्रेस इस संबंध में अध्यादेश जारी करने पर जोर देगी तो पवार ने कहा, ‘इस तरह के फैसले सामूहिक रूप से किए जाते हैं।’ विधेयक को बजट सत्र में सदन के पटल पर रखा गया था लेकिन इसपर चर्चा नहीं हो सकी क्योंकि विपक्ष ने संप्रग सरकार के कार्यकाल में अनेक घोटालों की वजह से संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी। कल इस बात के संकेत मिले थे कि बहुचर्चित विधेयक को मॉनसून सत्र में संसद में पेश किया जा सकता है।

खाद्य मंत्रालय खुद खाद्य सुरक्षा कानून को अध्यादेश के जरिए लागू करने के पक्ष में नहीं है। खाद्य मंत्रालय प्रस्तावित कानून को लागू करने के लिए नोडल विभाग होगा। संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ सभी संबद्ध लोगों से बातचीत कर रहे हैं कि कैसे विधेयक को संसद के समक्ष लाया जाना चाहिए। इस विधेयक में 67 फीसदी आबादी को राशन की दुकानों से एक से तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 5 किलोग्राम खाद्यान्न देने का प्रावधान है। (एजेंसी)

First Published: Friday, June 7, 2013, 17:06

comments powered by Disqus