खाद्य सुरक्षा बिल लोकसभा में पेश - Zee News हिंदी

खाद्य सुरक्षा बिल लोकसभा में पेश

नई दिल्ली:  गरीबों को सस्ता अनाज मुहैया कराने के लिए बहुप्रतिक्षित खाद्य सुरक्षा विधेयक को सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में पेश कर दिया। यूपीए सरकार की सबसे महात्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक इस विधेयक में देश के 60 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को सस्ते दरों पर अनाज दिए जाने का प्रावधान है।

 

लोकसभा में बुधवार को वामपंथी दलों और टीडीपी के सांसदों ने खाद्य सुरक्षा विधेयक के दायरे में दो तिहाई लोगों को रखे जाने के बजाए सभी को सस्ती दरों पर अनाज पर उपलब्ध कराए जाने की वकालत की।

 

मौजूदा बिल के मसौदे के दायरे में देश की करीब 63 फीसदी आबादी ही आएगी, कुछ सामाजिक संस्थाओं और वामपंथी गुटो का मानना है कि जन वितरण में धांधली रोकने के लिए इसमें बीपीएल जैसी कोई श्रेणी नही होनी चाहिए और सभी को सस्ते दरों पर खाद्य पदार्थ बांटे जाने चाहिए।

 

कांग्रेस ने साल 2009 के अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस कानून को लाने का वादा किया था।  राष्ट्रपति ने भी जून, 2009 में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए इसकी घोषणा की थी।

 

खाद्य सुरक्षा बिल की खास बातें

 

बिल के मुताबिक देश की 63 फीसदी यानी लगभग तीन चौथाई जनता को भोजन का कानूनी अधिकार होगा। बिल के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में 75 फीसदी लोगों को सरकार की तरफ से अनाज मिलेगा। इनमें 46 फीसदी अति गरीबों को हर महीने 7 किलो अनाज मिलेगा। बिल में परिवार को पांच सदस्यों वाला माना गया है। यानी एक परिवार महीने में 35 किलो अनाज पाने का अधिकारी होगा। बिल में 3 रुपए किलो चावल, 2 रुपए किलो गेहूं और 1 रुपए किलो स्थानीय अनाज जैसे जौ, बाजरा देने का प्रावधान है।

 

46 फीसदी से बाहर आने वाले साधारण गरीब परिवारों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधे दाम पर अधिकतम 20 किलो अनाज दिया जाएगा। ठीक ऐसे ही, शहरी इलाकों में कुल 50 फीसदी गरीब परिवारों को भोजन का अधिकार मिलेगा। इसमें 28 फीसदी अति गरीब परिवारों को 35 किलो और साधारण गरीब परिवारों को 20 किलो अनाज देने का प्रावधान है। इसके अलावा नवजात बच्चों की माताओं और गर्भवती महिलाओं को 1000 रुपए महीने के हिसाब से 6 महीने तक आर्थिक मदद दी जाएगी।  (एजेंसी)

First Published: Thursday, December 22, 2011, 11:18

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