Last Updated: Tuesday, August 27, 2013, 19:51
नई दिल्ली : लोकसभा ने सोमवार को खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित करते हुए विपक्ष द्वारा पेश सभी 305 संशोधनों को खारिज कर दिया, जबकि सरकार द्वारा पेश 11 संसोधनों को स्वीकार कर लिया गया।
विधेयक का उद्देश्य देश की 1.2 अरब आबादी में से 67 प्रतिशत लोगों को रियायती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराना है। विधेयक का लाभ 80 करोड़ लोगों को मिलेगा। इन सभी को चावल तीन रुपये प्रति किलोग्राम, गेंहू दो रुपये प्रति किलोग्राम और अन्य मोटे अनाज एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध कराए जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार राज्यों को लाभार्थियों के चयन की अनुमति होगी और अनाज के परिवहन का खर्च केंद्र उठाएगा। बहरहाल, सोमवार रात विधेयक पारित करने से पहले उसमें चार महत्वपूर्ण संसोधन किए गए। 35 राज्यों में से जिन 18 राज्यों को कम अनाज मिलना था, उनके मौजूदा अनाज आवंटनों को गरीबी रेखा से ऊपर के लाभर्थियों के लिए लागू होने वाली दरों पर संरक्षित किया जाएगा।
इस संशोधन से सरकार के ऊपर 5,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। दूसरे संशोधन के तहत राज्यों को इस योजना को लागू करने के लिए 180 के बजाय 360 दिन दिए गए हैं। तीसरे संशोधन की योजना के तहत सरकारी स्कूलों में बच्चों को तैयार खाद्य की जगह ताजा पकाया हुआ खाना उपलब्ध कराने की शर्त रखी गई है। चौथे संशोधन के तहत राज्यों को शिकायत निपटारा आयोगों की स्थापना करने की छूट दी गई है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 27, 2013, 19:51