Last Updated: Thursday, October 18, 2012, 19:04

नई दिल्ली : जदयू ने गुरुवार को कानून मंत्री सलमान खुर्शीद की उस टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की, जिसमें उन्होंने अरविंद केजरीवाल को उनके संसदीय क्षेत्र का दौरा करने की चुनौती दी थी। पार्टी ने कहा कि फर्रुखाबाद उनकी ‘जागीर’ नहीं है।
पार्टी प्रमुख शरद यादव ने हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका की भी प्रशंसा की जिन्हें रॉबर्ट वाड्रा के भूमि सौदे की जांच का आदेश देने के कारण खामियाजा भुगतना पड़ा। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को तथ्यों को ‘दबाने’ के प्रति चेतावनी दी।
राजग के संयोजक यादव ने केजरीवाल के आरोपों पर सवालों को टाल दिया। उनसे भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को महाराष्ट्र में भूमि आवंटन पर लगे आरोपों के बारे में सवाल पूछे गए थे। उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि भाजपा प्रमुख आरोपों को पहले की नकार चुके हैं।
उत्तरप्रदेश के फर्रुखाबाद में केजरीवाल को धरना देने और वापस लौटने की चुनौती देने वाली खुर्शीद की टिप्पणी की आलोचना करते हुए यादव ने कहा कि खुर्शीद कानून मंत्री हैं। उन्हें ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने जो कहा उसे मैं ठीक नहीं समझता। फर्रुखाबाद उनकी जागीर नहीं है। यह स्वतंत्र देश है। कोई भी व्यक्ति कहीं भी जाकर लौट सकता है। जदयू अध्यक्ष ने कहा कि वह खेमका की ईमानदारी से संतुष्ट हैं जिन्होंने किसानों की जमीन की रक्षा के प्रयास का उदाहरण पेश किया है।
यादव ने कहा कि डीएलएफ-वाड्रा मुद्दे पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन खेमका ने किसानों की भूमि के बारे में वास्तविक समस्या को उजागर किया है। मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री को कहना चाहता हूं कि तथ्यों को छिपाना नेताओं की छवि को और खराब करता है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 18, 2012, 18:57