Last Updated: Sunday, October 2, 2011, 10:56
नई दिल्ली : टूजी नोट मसले पर वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और पी. चिदंबरम के बीच कार्य मतभेद की बात को स्वीकार करते हुए कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने स्पेक्ट्रम लाइसेंस जारी करने को लेकर पहले आओ, पहले पाओ की नीति पर गृह मंत्री का बचाव किया. उन्होंने रविवार को यहां कहा कि वे कैबिनेट निर्णय को नहीं बदल सकते.
कैबिनेट के फैसले के बाद भी चिदंबरम नीलामी किए जाने को लेकर अपनी बहस को बरकरार रखे. कानून मंत्री ने कहा कि चिदंबरम जोकि उस समय वित्त मंत्री थे, फिर भी उस नीति को नहीं बदल सकते थे क्योंकि वह एक कैबिनेट निर्णय था. ‘क्या चिदंबरम अकेले कैबिनेट के निर्णय को पलट सकते थे. स्पेक्ट्रम आवंटन की नीलामी के खिलाफ कैबिनेट की ओर से एक बार फैसला ले लिए जाने के बाद बाजार निर्धारण के अन्य तरीके क्या थे.’ यह बातें सवालिया लहजे में सलमान खुर्शीद ने एक न्यूज चैनल के आज प्रसारित होने वाले कार्यक्रम के दौरान कहीं. खुर्शीद ने कहा कि जब बड़ी संख्या में मंत्रियों और एक मंत्री की बीच या दो मंत्रियों के बीच कैबिनेट के निर्णय के संदर्भ में असहमति हो, ‘तब वहाँ एक बिंदु पर कहना पड़ता है कि ठीक है, इस प्रकार अब तक कह दिया है लेकिन आगे नहीं’. ‘चिदंबरम ने कहा है कि जो कुछ अभी तक किया है वह मंत्रिमंडल के निर्णय पर आधारित है. परंतु अब के बाद अतिरिक्त स्पेक्ट्रम की जरूरत पड़ने पर यह आवश्यक हो जाएगा कि इसे अलग संदर्भ में किया जाए.’ चिदंबरम का बचाव करते हुए ऐसा खुर्शीद ने कहा.
खुर्शीद ने भाजपा नेता अरुण जेटली के उस दावे का मजाक उड़ाया कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) (11) के तहत चिदंबरम लीक से हटकर लाइसेंस आवंटियों को लाभ पहुंचाने को लेकर दोषी हैं. कानून मंत्री ने यह भी कहा कि स्पेक्ट्रम के संदर्भ में लगाया गया अनुमान विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों के विचारों को भी प्रतिबिंबित नहीं करता है.
(एजेंसी)
First Published: Sunday, October 2, 2011, 16:36