Last Updated: Tuesday, February 14, 2012, 03:16
नई दिल्ली : मुस्लिमों को आरक्षण संबंधी अपनी टिप्पणी को लेकर पैदा हुए विवाद पर निर्वाचन आयोग के साथ टकराव को समाप्त करने का प्रयास करते हुए विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज घटना पर अफसोस जाहिर किया। उन्होंने साथ ही कहा कि कानून का उल्लंघन करना और चुनाव आचार संहिता को कमतर करने की कभी उनकी मंशा नहीं थी।
बीती आधी रात को चुनाव आयोग को भेजे एक पत्र में खुर्शीद ने कहा, 'चुनाव आयोग के आगे सिर झुकाते हैं।’ उन्होंने साथ ही भविष्य में इस प्रकार की स्थिति की पुनरावृत्ति नहीं हो, यह सुनिश्चित करने में अपनी प्रतिबद्धता भी जाहिर की।
खुर्शीद का पत्र ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस निर्वाचन आयोग के खिलाफ उनकी टिप्पणियों को खारिज कर चुकी है। कांग्रेस ने कहा था, ‘जिम्मेदार पदों पर आसीन लोगों को जिम्मेदारी के साथ बोलना चाहिए।’ अपने संक्षिप्त पत्र में विधि मंत्री ने कहा, ‘मैं इस मामले को दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं और बयान पर अफसोस जाहिर करता हूं। कानून का उल्लंघन करना और चुनाव आचार संहिता को कमतर करना, कभी मेरी मंशा नहीं थी। मैं आयोग तथा उसके द्वारा लिए गए और लिए जा रहे फैसलों का बेहद सम्मान करता हूं।’
एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए निर्वाचन आयोग ने शनिवार को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को पत्र लिखकर खुर्शीद द्वारा कथित रूप से निर्वाचन आयोग के खिलाफ की जा रही बयानबाजी के मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की थी। खुर्शीद ने अपनी टिप्पणी में मुस्लिमों को आरक्षण मुहैया कराने संबंधी टिप्पणी की थी, जिसे निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना था। राष्ट्रपति ने यह पत्र प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यालय को भेज दिया था। विधि मंत्री ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 14, 2012, 13:29