खेल विधेयक कैबिनेट को नामंजूर - Zee News हिंदी

खेल विधेयक कैबिनेट को नामंजूर

नई दिल्ली. खेल मंत्रालय की तरफ से प्रस्तावित नए विधेयक को कैबिनेट ने नामंजूर कर दिया है. भारत में खेल की प्रशासकीय संस्थाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लाए जा रहे इस विधेयक को केंद्रिय मंत्रिमंडल ने फ़िलहाल पुनर्विचार के लिए लौटा दिया है.

अब खेल मंत्री अजय माकन को विधेयक फिर से तैयार करने के लिए कहा गया है. इस विधेयक में खेल मंत्रालय ने क्रिकेट के दुनिया के सबसे धनी बोर्ड भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड यानी बीसीसीआई पर भी लगाम कसने की तैयारी की थी. सरकार यह चाहती है कि बीसीसीआई भी राष्ट्रीय खेल संघ के तौर पर काम करे. 

 

यह विधेयक वर्तमान सत्र में ही पेश किया जा सकता है. खेल मंत्रालय ने जो विधेयक तैयार किया है, उस पर आज ही कैबिनेट में चर्चा हुई. जिसके बाद इसे नामंजूर कर दिया. भारत में शुरू से ही खेल संघों को पर यह आरोप लगता रहा है कि उनके बीच पारदर्शिता नहीं है.

 

संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने स्पष्ट किया  कि बीसीसीआई इस दायरे से बाहर रहेगा. अब यह मामला तो विधेयक पास होने के बाद ही पता चल पाएगा. यह विधेयक पास हो जाने के बाद खेल संघ सूचना के अधिकार के तहत आ जाएंगे और बीसीसीआई इसके अंतर्ग रहती है, तो उसे भी आरटीआई के अंतर्गत जवाब देना पड़ सकता है. वहीं, बीसीसीआई और राष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने प्रस्तावित बिल का कड़ा विरोध किया था.

 

गौरतलब है कि जिस मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को स्वीकृति देने से इनकार किया है उसमें पांच ऐसे सदस्य हैं जो किसी न किसी खेल संगठन के प्रमुख हैं और बीसीसीआई इस विधेयक के ज़रिए सूचना के अधिकार के दायरे में आने को राजी नहीं है.

शरद पवार ने इस बिल पर अपत्ति जताई. इसके अलावा मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष विलासराव देशमुख, राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सीपी जोशी, अखिल भारतीय फ़ुटबॉल महासंघ के मुखिया फ़ुल्ल पटेल और जम्मू कश्मीर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष फ़ारुक़ अब्दुल्ला हैं.

यह माना जा रहा है कि कैबिनेट में इस विधेयक को समर्थन नहीं मिलने से एक तरह से बीसीसीआई का पक्ष मजबूत हुआ है.

 

First Published: Wednesday, August 31, 2011, 10:58

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