Last Updated: Monday, July 2, 2012, 17:04

पटना : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आलोचना किए जाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि आरएसएस की प्रतिक्रिया पर जवाब देने की दरकार नहीं है, क्योंकि यह पहले भी होता आया है। मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं के प्रश्नों के जवाब में कहा कि जदयू का आरएसएस के साथ कोई संबंध नहीं है।
पार्टी ने भाजपा के साथ समझौता किया है। उन्होंंने कहा कि बीजेपी से शर्तों पर आधारित रिश्तेस हैं। उन्होंीने अपरोक्ष तौर गुजरात के मुख्येमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर निशाना साधा और कहा कि गुजरात तो पहले से ही विकसित राज्यआ है। नीतीश ने यह भी कहा कि धर्मनिरपेक्ष प्रधानमंत्री पर दिए गए बयान पर अब भी कायम हूं।
मुख्यामंत्री ने कहा कि संघ पहले भी मेरी आलोचना करता आया है और उसकी प्रतिक्रिया का जवाब देने की जरूरत नहीं है। भाजपा ने कुछ कहा होता तो उस पर प्रतिक्रिया देने का सवाल उठता। संवाददाताओं ने नीतीश कुमार से आरएसएस के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ में उनके खिलाफ लिखे गए एमजी वैद्य के आलेख के बारे में प्रश्न पूछा था। उन्होंने कहा कि संघ पहले भी मेरी आलोचना कर चुका है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है।
2004 में मैने जब कहा था कि धर्म बदलने से जाति नहीं बदलती टिप्पणी की थी और दलित इसाई और मुस्लिम का समर्थन किया, तब भी संघ ने मेरे खिलाफ लिखा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के साथ जदयू का गठजोड कुछ बुनियादी उसूलों पर हुआ है। समान नागरिक संहिता नहीं थोपने, अनुच्छेद 370 को नहीं समाप्त करने और अयोध्या मसला को अदालत या आपसी रजामंदी से लेकर हल करने की बुनियादी शर्तो पर यह समझौता हुआ था।
जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम से इतर नीतीश ने संवाददाताओं के प्रश्नों के जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री पद के सेकुलर उम्मीदवार की चर्चा से एक अच्छी बात यह है कि कम से कम देश में बहस तो छिड़ गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका साक्षात्कार प्रकाशित होने के बाद मीडिया ने काफी कयास लगाए। बाद में पटना के शहरी विकास कार्यक्रम के लिए गुजरात की एक एजेंसी को काम दिये जाने को लेकर एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तरह गुजरात भी विकसित राज्य है। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 2, 2012, 17:04