Last Updated: Thursday, October 4, 2012, 19:15
नई दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की ओर से जल संसाधन मंत्रालय को लिखे गए विवादास्पद पत्र मामले का बचाव करते हुए पार्टी ने गुरुवार को दलील दी कि उन्होंने ऐसा अपने किसी नज़दीकी को मदद पंहुचाने के लिए नहीं, बल्कि किसानों के फायदे को ध्यान में रख कर किया था।
गडकरी ने महाराष्ट्र में गोसीखुर्द बांध परियोजना के लिए केन्द्र से कोष जारी करने के संबंध में पत्र लिखा था। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने यहां कहा कि गोसीखुर्द राष्ट्रीय महत्व की बांध परियोजना है। इससे विधर्भ क्षेत्र के लाखों किसानों को सिंचाई के लिए जल मिलेगा। इस क्षेत्र के किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। इसीलिए उस क्षेत्र के सभी प्रतिनिधियों ने केंद्र को पत्र लिखा है।
बताया जाता है कि गडकरी की तरह स्वयं जावडेकर ने भी इस तरह का पत्र लिखा है। अपने इन पत्रों में भाजपा के उक्त नेताओं ने केन्द्र से मांग की है कि वह गोसीखुर्द परियोजना के लिए कोष जारी करे। कहा जाता है कि कई समितियों द्वारा परियोजना के कार्य की गुणवत्ता में कमी पाई जाने पर केन्द्र ने शेष कोष जारी करने पर रोक लगा दी है।
यह भी कहा जा रहा है कि गडकरी के करीबी और भाजपा सांसद अजय संचेती इस परियोजना के ठेकेदारों में से एक हैं। जावडेकर ने गडकरी के पत्र का बचाव करते हुए कहा कि गोसीखुर्द को केन्द्रीय परियोजना घोषित किया गया है। इसकी लागत का 90 प्रतिशत कोष केन्द्र से ही आना है। केंद्र से जारी राशि सीधे ठेकेदारों को नहीं जाती बल्कि संबंधित राज्य सरकार को जाती है। केंद्र से राशि पाने पर राज्य सरकार उसे अनुमोदन के अनुरूप वितरित करती है। कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने भी कोष जारी करने के संबंध में केन्द्र को पत्र लिखे हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 4, 2012, 19:15