गडकरी को फिर कमान सौंपना चाहता संघ - Zee News हिंदी

गडकरी को फिर कमान सौंपना चाहता संघ



नई दिल्ली : ऐसी खबरें हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के काम-काज से काफी प्रसन्न है और चाहता है कि उन्हें इस पद पर एक और कार्यकाल का विस्तार दिया जाए, जिससे 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव पार्टी उनकी अगुवाई में लड़े। इससे पहले 2004 और 2009 में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद संघ की पसंद पर ही गडकरी को पार्टी की कमान सौंपी गई थी। इस साल 25 दिसंबर को उनका तीन साल का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है।

 

बताया जाता है कि संघ का मानना है कि चूंकि गडकरी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को तैयार कर रहे हैं, इसलिए बेहतर यही होगा कि 2014 में होने वाले आम चुनाव में भाजपा अध्यक्ष वही बने रहें। सूत्रों के अनुसार संघ प्रमुख मोहन भागवत गडकरी के अब तक के काम काज से काफी संतुष्ट हैं और उन्हें एक और कार्यकाल दिए जाने के पक्ष में हैं। नागपुर स्थित संघ के मुख्यालय में 15 से 17 मई तक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है और उसमें गडकरी को दूसरा कार्यकाल दिए जाने पर चर्चा हो सकती है।

 

संघ का कहना है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर करने के इरादे से गडकरी सबसे आगे रह कर चुनावी संघर्ष की कमान संभाले हुए हैं। वह तेज तर्रार साध्वी नेता उमा भारती और हिन्दुत्व के लिए चुप चाप समर्पण भाव से काम करने वाले संजय जोशी को भाजपा में वापस लिए जाने और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दोनों को महत्वपूर्ण भूमिका दिए जाने से भी खुश है। भाजपा के एक सांसद ने कहा कि भाजपा के भीतर और संघ में शतंरज की बिसात ऐसी बिछी हुई है, जिससे गडकरी को दूसरा कार्यकाल मिलना लगभग तय है। अभी कोई ऐसा विकल्प नजर नहीं आ रहा है जिसके नाम पर पार्टी या संघ में आमराय बन सके।

 

पार्टी के विधान के अनुसार कोई व्यक्ति तीन वर्ष के एक कार्यकाल के लिए अध्यक्ष चुना जाएगा। लेकिन पूर्व में इसमें संशोधन हो चुके हैं और अगर संघ के शीर्ष नेतृत्व की गडकरी पर कृपा बनी रही तो ऐसा फिर किया जा सकता है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि गडकरी इस पद के लिए भागवत के सबसे पसंदीदा व्यक्ति हैं। उन्हें गडकरी की यह कला बहुत पंसद है कि जहां तक संभव हो सबको साथ लेकर चलो और इसके बावजूद वह उमा भारती और संजय जोशी को पार्टी में वापस लाने में सफल हुए। जोशी की पार्टी में वापसी से गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी खासे नाराज हैं। इसके विरोध में वह भाजपा की पिछली कार्यकारिणी की बैठक में नहीं आए और अभी तक उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रचार करने भी नहीं गए। मोदी की इस नाराजगी के बावजूद संघ ने इस फैसले के लिए गडकरी का साथ दिया।

 

संघ सहित भाजपा में गडकरी के प्रशंसकों का कहना है कि उनके अध्यक्षकाल में बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया, कर्नाटक में लोकायुक्त द्वारा दोषी बताए जाने पर वहां के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को हटाया गया, जम्मू-कश्मीर विधानसभा में क्रास वोटिंग करने वालों विधायकों को बख्रास्त किया गया और झारखंड में झामुमो से मिलकर भाजपा की गठबंधन सरकार बनाई। गडकरी के विरोधियों का हालांकि कहना है कि गडकरी के अध्यक्ष रहते पिछले साल असम विधानसभा चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। उनके विरोध में एक दुक्का आवाज उठती है लेकिन इस बात की पूरी संभावना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में गडकरी की कमान में ही भाजपा चुनाव लड़ेगी।

(एजेंसी)

First Published: Monday, February 20, 2012, 18:47

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