Last Updated: Wednesday, October 24, 2012, 10:32

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) ने नितिन गडकरी के खिलाफ कथित वित्तीय धांधली को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज करने के लिए यूपीए सरकार को चुनौती दी है।
पत्रकारों से बातचीत में केजरीवाल ने कल कहा था कि एक मीडिया संस्थान की ओर से गडकरी के वित्तीय गड़बड़ी के खुलासे ने आईएसी के इस दावे को पुख्ता किया है कि कांग्रेस और भाजपा की भ्रष्टाचार में मिलीभगत है। बाद में एक न्यूज चैनल से बातचीत में केजरीवाल के करीबी सहयोगी और प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण ने भी गडकरी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस दर्ज करने की मांग की है। गडकरी पर यह आरोप है कि पीडब्ल्यूडी मंत्री रहते समय उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और एक कंपनी को फायदा पहुंचाया। उक्त कंपनी ने गडकरी के स्वामित्व वाली कंपनी पूर्ति पॉवर एंड शुगर लिमिटेड को लोन दिया।
गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्टों में गडकरी की कंपनी पूर्ति पॉवर एंड शुगर लिमिटेड में धन के स्रोत पर कई सवाल उठाए गए हैं। मीडिया की पड़ताल में दावा किया गया है कि बड़े निवेशों और पूर्ति को दिए गए कर्ज का इंतजाम निर्माण क्षेत्र की कंपनी आइडियल रोड बिल्डर्स (आईआरबी) समूह ने किया। आईआरबी को साल 1995 से 1999 के बीच ऐसे समय में अनुबंध हासिल हुए जब गडकरी महाराष्ट्र में लोक निर्माण मंत्री थे।
वहीं, गडकरी की कंपनी पूर्ति पॉवर एंड शुगर लिमिटेड में वित्तीय अनियमितता के आरोप लगने के बाद कंपनी मामलों के मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने कहा कि इस मुद्दे पर जानकारी सार्वजनिक हो गई है और कंपनी रजिस्ट्रार निश्चित तौर पर इसकी छानबीन करेंगे।
उधर, मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि गडकरी की कंपनी पूर्ति पावर एंड सुगर लिमिटेड को धन आवंटन में अनियमितता बरती गई है। इसके पहले इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) ने गडकरी पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने महाराष्ट्र के विदर्भ में गलत तरीके से जमीन हथियाई है। इस बीच, भाजपा ने नए आरोपों को भी खारिज कर दिया। पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि आरोप बेबुनियाद हैं। पार्टी अध्यक्ष ने कहा है कि कोई भी सक्षम एजेंसी आरोपों की जांच कर सकती है। उधर, भाजपा सांसद राम जेठमलानी ने मंगलवार को कहा कि उनकी ईमानदारी संदिग्ध है और उन्हें हर हाल में इस्तीफा दे देना चाहिए।
First Published: Wednesday, October 24, 2012, 10:32