Last Updated: Tuesday, November 15, 2011, 08:00
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को कहा कि देश को गरीबी, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए रचनात्मकता और नई सोच की जरूरत है। यहां भारतीय नवप्रवर्तन परिषद की एक रिपोर्ट जारी करते हुए सिंह ने कहा कि हमने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा और वाहन जैसे क्षेत्रों में बहुत कुछ नया किया है।
हमारे देश में नवाचार ज्यादातर अमीरों की जरूरतों पर केंद्रित रहा और गरीबों की समस्याओं को दूर करने में पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। हम चाहते हैं कि इस दिशा में कुछ हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नवाचार एक बड़ा बदलाव लाने में रामबाण साबित हो सकता है इसलिए नूतन व्यवहार को फलने-फूलने का वातावरण उपलब्ध कराने का हमें संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य, ग्रामीण संचार, कृषि, पशुपालन, हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में समस्याओं को दूर करने के लिए नवप्रवर्तन के माडलों की जरूरत है।
भारत के विकास में नवाचार की एक महत्वपूर्ण भूमिका मानते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर हमारे समक्ष जो चुनौतियां हैं, वे न केवल विविधताओं से भरी है, बल्कि अनूठी हैं। भारत के संदर्भ में उचित एवं नए समाधान रचनात्मकता एवं नवीन विचारधारा के जरिए ही तलाशे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस समय देश में काम का अधिकार, सूचना का अधिकार और शिक्षा का अधिकार के जरिए अधिकार आधारित कामकाज में नवाचार देखने को मिला रहा है, जबकि खाद्य सुरक्षा का अधिकार पेश होने को है।
इस अवसर पर, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने घोषणा की कि सरकार इंडिया इन्नोवेशन फंड के लिए 100 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी जो कम लागत के नवाचार का वित्त पोषण करेगा।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 15, 2011, 13:30