Last Updated: Thursday, April 12, 2012, 05:21
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम फैसले में निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार कानून को हरी झंडी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से देश के उन तमाम निजी स्कूलों को तगड़ा झटका लगा है जो शिक्षा के अधिकार कानून के तहत 25 फीसदी गरीब बच्चों को दाखिला देने से इनकार करते आ रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. एच. कपाड़िया, न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार और न्यायमूर्ति के. एस. राधाकृष्णन की पीठ ने बहुमत से शिक्षा के अधिकार कानून की धारा 12 1सी की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा। इस धारा के तहत गरीब और कमजोर तबके के बच्चों के लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है।
यद्यपि, न्यायमूर्ति राधाकृष्णन ने इस धारा के तहत सीटें आरक्षित करने के प्रावधान को संवैधानिक रूप से वैध नहीं माना। उनका मानना था कि गैर सहायता प्राप्त किसी भी स्कूल को, चाहे वह अल्पसंख्यक हो या बहुसंख्यक, 25 फीसदी सीटें आरक्षित करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा कि यह फैसला गुरुवार से स्वत: प्रभावी हो गया है, लेकिन अब तक हो चुके दाखिले इससे प्रभावित नहीं होंगे।
First Published: Friday, April 13, 2012, 08:59