Last Updated: Sunday, September 22, 2013, 15:07
नई दिल्ली : देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में पिछले दिनों भड़की सांप्रदायिक हिंसा को 2002 के गुजरात दंगों जैसा करार देते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में आम जनता अखिलेश यादव सरकार से नाराज है और आने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर इसका असर देखने को मिलेगा।
जमीयत के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा, देखिए, जिस तरह से मुजफ्फरनगर में दंगों को ‘प्लांट’ किया गया है उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इसमें और गुजरात के दंगों में कोई फर्क नहीं है। मदनी ने हालांकि कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के दंगों से निपटने के रवैये में फर्क है।
उन्होंने कहा, अगर अखिलेश यादव और नरेंद्र मोदी की तुलना करें तो उसमें फर्क दिखता है। अखिलेश को लापरवाह और गैरजिम्मेदार कहा जा सकता है, लेकिन उनके (मोदी) के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने दंगाइयों को खुली छूट दे दी थी। मदनी ने कहा, अखिलेश दंगों को रोकने में पूरी तरह नाकाम रहे हैं। आज के समय में उन्हें सांप्रदायिक कहना ठीक नहीं होगा, लेकिन वह एक विफल मुख्यमंत्री जरूर हैं। मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में पिछले दिनों भड़की सांप्रदायिक हिंसा में 45 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और हजारों की संख्या में लोग विस्थापित हो गए। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 22, 2013, 15:07