Last Updated: Saturday, June 8, 2013, 18:52

जबलपुर : कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आज कहा कि एक ओर वह इस राज्य के विकास की बातें करते हैं तो दूसरी ओर सवाल उठता है कि यह प्रदेश देश में सबसे अधिक कर्जदार राज्य क्यों है।
सिंह ने आज यहां सर्किट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि मोदी एक ओर तो गुजरात को नंबर वन राज्य बनाने का बखान करते हैं। वहीं दूसरी और वास्तविकता यह है कि गुजरात देश में सबसे अधिक कर्ज वाला राज्य है और वहां का रहने वाला हर व्यक्ति कर्जे में है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो मोदी स्वदेशी की बात करते हैं और दूसरी ओर वे चुनाव के समय जनसंपर्क का ठेका एक विदेशी कंपनी को 300 मिलियन डालर में देते हैं।
बीमारी के कारण शीर्षस्थ भाजपा नेताओं के गोवा अधिवेशन में शामिल नहीं होने पर कटाक्ष करते हुए सिंह ने कहा कि वे संघ परिवार एवं भाजपा नेताओं के वैचारिक तौर पर विरोधी हैं और भाजपा बीमार हो यह अच्छी बात है। लेकिन इसके बावजूद वे कामना करते हैं कि भाजपा नेता स्वस्थ्य और शतायु हों। सिंह ने आरोप लगाया कि मप्र में मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों सहित उनके मंत्रिमडल के सदस्यों और पदाधिकारियों को चुन-चुन कर खदानें लीज पर दी जा रहीं हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्री, भाजपा नेता और उनके रिश्तेदारों को फर्जी संस्थाओं के नाम पर कौड़ियों के दामों पर जमीनें और खदानें दी जा रहीं हैं। सिंह ने मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ‘घोषणावीर’ बताते हुए कहा कि उनकी घोषणाएं मंच से शुरू होती हैं और मंच पर ही समाप्त हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी कि मुख्यमंत्री द्वारा कितनी घोषणाएं की गईं और उनमें से कितनी पूरी हुई। लेकिन संबंधित अधिकारी ने इसके जवाब में जानकारी नहीं होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इससे अंदाजा हो जाता है कि प्रशासन का भी मुख्यमंत्री की घोषणाओं के प्रति क्या रवैया है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा की नक्सलियों से सांठगाठ होने का आरोप लगाते हुए सिंह ने दावा किया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में जितने मतदान केन्द्र हैं उनमें भाजपा को अस्सी प्रतिशत से भी अधिक मत मिलते हैं। उन्होंने कहा कि इससे ही साबित हो जाता है कि भाजपा की नक्सलियों से सांठगांठ है। मध्यप्रदेश सरकार की एक रुपये किलो गेहूं एवं दो रुपये किलो चावल देने की योजना पर सवाल उठाते हुए सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को 35 किलो गेहूं देती है, जबकि प्रदेश सरकार 17 किलो ही बांटती है, सरकार बताए कि शेष गेहूं कहां जाता है? (एजेंसी)
First Published: Saturday, June 8, 2013, 18:52