गुटनिरपेक्ष आंदोलन को आर्थिक चुनौतियों से निपटना चाहिए : मनमोहन

गुटनिरपेक्ष आंदोलन को आर्थिक चुनौतियों से निपटना चाहिए : मनमोहन

गुटनिरपेक्ष आंदोलन को आर्थिक चुनौतियों से निपटना चाहिए : मनमोहननई दिल्ली: गुटनिरपेक्ष आंदोलन के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि इसे मुख्य राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों से निपटना चाहिए जिसमें सीरिया की खराब होती स्थिति और वर्तमान आर्थिक संकट भी शामिल है ।

16वें गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए तेहरान जाते वक्त सिंह ने कहा कि वैश्विक प्रशासन के पुराने ढांचे समकालीन राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों से कदमताल करने में सक्षम नहीं हैं ।

प्रधानमंत्री की टिप्पणी आज के युग में 120 सदस्यीय गुटनिरपेक्ष आंदोलन की महत्ता पर उठाए जा रहे सवालों को लेकर थी ।

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की समझ है कि वैश्विक प्रशासन का पुराना ढांचा वर्तमान राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना नहीं कर पा रहा है । सीरिया की खराब होती स्थिति, वर्तमान वैश्विक आर्थिक संकट और अन्य उभरते खतरों के लिए विश्वसनीय सीमापारीय कार्रवाई की आवश्यकता है ।’’ सिंह ईरान के प्रमुख नेता आयतुल्ला अली खामेनी और राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद सहित देश के नेतृत्व के साथ बैठक करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे ।

खामेनी और अहमदीनेजाद के साथ सिंह की द्विपक्षीय बैठक का काफी महत्व है क्योंकि यह ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका भारत पर ईरान के साथ संबंधों को कम करने का दबाव बना रहा है और उसके विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को लेकर कुछ देशों ने उसपर प्रतिबंध लगाए हैं ।

ईरान द्वारा गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन के आयोजन को पश्चिमी देश जहां तवज्जो नहीं दे रहे हैं वही तेहरान इसे बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि मान रहा है । अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने ईरान पर कई प्रतिबंध लगाए हैं । उनका आरोप है कि ईरान गुप्त रूप से परमाणु हथियार कार्यक्रम चला रहा है । बहरहाल ईरान ने आरोपों से इंकार किया है और उसका कहना है कि इसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उपयोग के लिए है ।

क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा प्रधानमंत्री के एजेंडे में वाणिज्य एवं आर्थिक सहयोग प्रमुख होगा और ईंधन के आयात पर भी चर्चा होनी है ।

ईरान भारत का मुख्य ईंधन आपूर्तिकर्ता देश है । भारत जहां केवल संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को मान्यता देता है वहीं अमेरिका एवं अन्य देशों द्वारा प्रतिबंध लगाने से तेल की आपूर्ति के लिए ईरान को भुगतान करने में काफी समस्या आ रही है ।

भारत और ईरान के बीच बैठक से पहले नयी दिल्ली ने स्पष्ट कर दिया है कि शांति और सुरक्षा पर विचार-विमर्श मुख्य है जिसे तेहरान के साथ उठाया जाएगा । (एजेंसी)

First Published: Tuesday, August 28, 2012, 17:38

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